अंग्रेजी के 26 अक्षर रोमन वर्णमाला से 2500 वर्ष पहले लिए गए थे
किसी भी भाषा का विकास यकायक नहीं हो गया. मानव सभ्य होने से पहले जंगलों में रहता था. उस प्राचीन काल में मनुष्य एक-दूसरे से बात करने के लिए तरह-तरह की आवाजों से इशारे करता था. धीरे-धीरे हर चीज, काम और बात के लिए तरह-तरह की आवाजें निश्चित होती गयीं. समय बीतने के साथ ही इन आवाजों या ध्वनियों से अक्षरों या वर्णमाला (Alphabets) का विकास हुआ. इसके बाद हर चीज, विचार या काम के लिए शब्द बनते गए. इन शब्दों से मिलकर फिर भाषा का जन्म और विकास हुआ. यह विकास बोली जाने वाली भाषा तक ही सीमित नहीं रहा वरन् लिख कर अपने विचार प्रकट करने के लिए एक लिपि का भी विकास हुआ.
पहली वर्णमाला कब बनी जिसके द्वारा मनुष्य अपने विचारों को लिख कर प्रकट कर सकता था.
आदि काल के लोग लिख कर अपने विचार बताने के लिए रेखाचित्रों का उपयोग करते थे. हम आज इन रेखाचित्रों को पिक्टोग्राफ (Alphabets) कहते हैं. पाषाण काल के लोग (जो अपने रोजमर्रा के कामों में पत्थरों का इस्तेमाल करते थे.) लिखने में इस भाषा का उपयोग करते थे. पिक्टोग्राफ में एक विशेष चिन्ह एक विशेष वस्तु जैसे पेड़ या चिड़िया को प्रकट करता है. इस विशेष चिन्ह द्वारा एक निश्चित अर्थ या विचार पता चलता है, रेखाचित्रों द्वारा भी विचारों को एक दूसरे को बताया जा सकता है, जैसे चिड़िया का रेखाचित्र बनाने का अर्थ उड़ना भी हो सकता है. प्राचीन काल में मिश्र के लोग भी रेखाचित्रों को बना कर ही अपने विचार प्रकट करते थे. लेकिन इस लिपि में बहुत सी कमियां थीं. इसमें थोड़ी सी बात बताने के लिए बहुत से रेखाचित्रों का करना पड़ता था. इन कमियों के कारण मानव ने ऐसे चिन्हों की खोज की जो बातचीत में इस्तेमाल होने वाली आवासों का प्रतिनिधित्व कर सकें. नए शब्दों को बनाने के लिए भिन्न-भिन्न आवाजों का प्रतिनिधित्व करने वाले चिन्हों के अलग-अलग समूह बनाये गए.
आज हम जिन्हें वर्णमाला या अक्षर कहते हैं ये भी आवाजों के संकेत चिन्ह हैं, इनका सबसे पहले कब प्रारंभ हुआ ?
लगभग 3,500 वर्ष पहले भूमध्यसागर के पूर्व में रहने वाले फोनिशयन्स (Phoenicians) ने सबसे पहले वर्णमाला का आविष्कार किया. इसके बाद यूनान और रोम के लोगों ने अपनी-अपनी वर्णमालाएं विकसित कीं. ये फोनेशियन लिपि के आधार पर उसमें सुधार करके विकसित की गई थीं.
अंग्रेजी भाषा का अल्फाबेट (Alphabets) शब्द अल्फा (alpha) और बीटा (beta) दो शब्दों को मिला कर बनाया गया है. ये यूनानी (Greek) वर्णमाला के प्रथम दो अक्षर हैं.
वर्णमाला का आविष्कार हो जाने के बाद कुछ अक्षरों को मिला कर शब्दों को बनाना सरल हो गया. उदाहरण के लिए अंग्रेजी वर्णमाला में केवल 26 अक्षर हैं पर इनसे हजारों शब्दों का निर्माण हो जाता है. इसी तरह हिन्दी भाषा में कुल 36 अक्षर हैं पर इन्हें मिला कर न जाने कितने हजार शब्द बना लिए जाते हैं. रेखाचित्र लिपि में यह सुविधा नहीं है क्योंकि उसमें एक चित्र द्वारा एक ही विचार या अर्थ प्रकट किया जा सकता है.
सभ्य संसार की प्रत्येक भाषा की अपनी-अपनी वर्णमाला है. लेकिन वर्णमाला के अक्षरों के उच्चारण तथा उनकी संख्या में भिन्नता है.