Sunday, 8 September

अधिकांश दौड़ प्रतियोगिताओं में तेजी से भागना होता है लेकिन अब ओलंपिक प्रतियोगिताओं में पैदल चलने की दौड़ (walking Races) भी आयोजित की जाती है. पैदल चलने की दौड़ का दूसरा नाम पंजा-एड़ी दौड़ (Heel and Toe Race) भी है. आम दौड़ों की तुलना में पैदल चलने की दौड़ प्रतियोगिता के नियम कहीं अधिक कठोर हैं. किसी भी प्रतियोगी को दूसरे विरोधी प्रतियोगियों से आगे निकलने के लिए पैदल चलना छोड़ कर दौड़ लगाने की इजाजत होती. इसके नियमों के अनुसार प्रतियोगी का भूमि से संपर्क कभी टूटना नहीं चाहिए. उसका एक पैर हमेशा धरती के संपर्क में रहना जरूरी है. टांगों को वैसा ही सीधा रहना चाहिए जैसा कि पैदल चलते वक्त रहती है. पैरों को उस तरह नहीं मुड़ना चाहिए जैसे कि वे दौड़ते वक्त मुड़ते हैं. एक प्रतियोगी को केवल एक बार सफेद झंडा दिखा कर चेतावनी दी जाती है. प्रतियोगी को लाल झंडा दिखाने का अर्थ होता है कि उसे नियमों को तोड़ने के कारण से निकाल दिया गया है. तीन निर्णायकों की स्वतंत्र सिफारिश के बाद प्रतियोगी के विरुद्ध कार्यवाही की जाती है. यह सिफारिश दो निर्णायकों द्वारा भी की जा

सकती है. यदि उनमें से एक मुख्य निर्णायक हो. पैदल चलने वाली दौड़ें मैराथन दौड़ों से भिन्न होती हैं. मैराथन रेसेज में दौड़ने की इजाजत होती है लेकिन पैदल चलने की दौड़ में नहीं होती. पैदल चलने की दौड़ का तरीका सामान्य रूप से चलने से बहुत अलग तरह का होता है. पैदल चलने वाले प्रतियोगियों के नितम्ब लय में तेजी से थिरकते हैं, उनकी टांगें तेजी से झटके के साथ आगे बढ़ती हैं, उनके कंधे और हाथ आगे-पीछे की ओर बहुत तीवता के साथ झूलते हैं. . यह सब देखने में बहुत हास्यप्रद लगता है. यह पेग्विन पक्षियों की डगमगाती चाल जैसा मालूम पड़ता है, लेकिन फिर भी पैदल चलने वाले इस तरह से एक घंटे में 16 किलोमीटर तक की गति पा लेते हैं.

अगर यह दौड़ 20 किमी. से अधिक लंबी होती है तो प्रतियोगियों को अधिकृत स्थानों से जलपान लेने का अधिकार होता है. ये जलपान स्थल एक दूसरे से 10 किमी. दूर होते हैं और 20 किमी. के बाद 5 किमी. दूर. प्रतियोगी चलते चलते ही जलपान की चीजें लेते हैं और चलते-चलते ही उन्हें खाते हैं. आयोजकों के अलावा बाहर वालों के द्वारा दिए गए जलपान को लेने की अनुमति नहीं होती. बीस किलोमीटर के बाद मुंह-हाथ या शरीर धोने-पोछनें की जगहें होती हैं जहां केवल पानी मिलता है. ये कार्य भी प्रतियोगियों को चलते हुए करने पड़ते हैं.

पैदल चलने की दौड़ प्रतियोगितायें बहुत लंबी होती हैं. ओलंपिक में यह 20 और 50 किलोमीटर दूरी की होती हैं. पैदल चलने की दौड़ दर्शकों के लिए रोचक और मनोरंजक दृश्य उपस्थित करती है. साथ ही यह दौड़ मनुष्य की शारीरिक क्षमता को भी प्रकट करती है.

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