Sunday, 8 September

रोबोट (Robot) एक ऐसी स्वचालित मशीन है, जो आदमी की भांति ही काम कर सकती है. इसका निर्माण उद्योगों में मानव के स्थान पर काम करने के लिए किया गया है. यह जरूरी नहीं कि रोबोट की बनावट आदमी से मिलती ही बनाई जाए या वह बिल्कुल आदमी की तरह ही काम करे. मनुष्य से मिलती-जुलती मशीन बनाने की पद्धति को एंड्रोइड (Android) कहते हैं.

रोबोट शब्द का प्रयोग सबसे पहले चैकोस्लोवाकिया के कार्ल चैपेक द्वारा रचित नाटक ‘रोजम्स यूनीवर्सल रोबट्स’ में हुआ था. उन्होंने यह शब्द चैक पुस्तक ‘रोबोटा’ से लिया था, जिसका अर्थ बंधुआ मजदूर. औद्योगिक क्रांति तथा मशीनों में स्वचालन विधि के विकास ने मानव के कुछ कामों को करने के लिए रोबॅट निर्माण पद्धति के विकास को बढ़ावा दिया, ऐसे प्रक्रमों की आवश्यकता इसलिए भी पड़ी कि आदमी की कार्य- क्षमता सौमित होती है. मनुष्य चाहे कितना हो कुशल कारीगर क्यों न हो उसकी कुछ न कुछ शारीरिक सीमाएं अवश्य होती हैं. वह लगातार बहुत लंबे समय तक काम नहीं कर सकता, खासतौर से यदि वातावरण उसके प्रतिकूल हो. वह काम करते-करते थक जाता है.

दूसरी बात यह है कि मनुष्य के रूप में महंगा भी पड़ता है और वक्त पर मिलना भी कभी-कभी मुश्किल हो जाता है. इन सब कठिनाइयों से छुटकारा पाने के लिए मनुष्य ने रोबोट बनाए, बना जो प्रतिकूल वातावरण में, कम कीमत पर, कितने ही लंबे अरसे तक मशीनों पर काम करता रहे. जिस दक्षता से आदमी मशीन पर काम करता है, ये रोबोट उससे भी अच्छा और तेजी से काम कर सकते हैं. इस प्रकार रोबोट एक ऐसी मुहीन है जो खराब या खतरनाक परिस्थितियों में भी निडर होकर कार्य कर सकती है, न थकती है और न हड़ताल पर जाती है, न वेतन में बढ़ोत्तरी मांगती है.

रोबोट अनेक काम कर सकते हैं. उदाहरण के लिए वे इतनी गर्म वस्तुएं उठा सकते हैं, जिन्हें मनुष्य जलने के डर से छू भी नहीं सकता. अतः फोर्जिंग कार्यों में रोबोट पद्धतियां बहुत ही लाभदायक सिद्ध हो रही हैं.

रोबोट के शरीर में कुछ विशेष काम करने के लिए आदमी की तरह उंगलियां फिट कर दी जाती हैं. इन उंगलियों से वे किसी भी निर्माणाधीन वस्तु को पकड़ सकते हैं, छोड़ सकते हैं, धक्का दे सकते हैं, खींच सकते हैं, मरोड़ सकते हैं, ऊपर उठा सकते हैं, नीचे कर सकते हैं, मोड़ सकते हैं, दांये बांये हिला सकते हैं आदि-आदि. इन रोबोटों में छः प्रकार की गति संभव है. ये रोबोट हल्के से हल्का और भारी से भारी काम कर सकते हैं. उदाहरण के लिए यह 34 किग्रा. तक का भार उठा लेते हैं. इनमें एक यादगार यूनिट होता है, जिसमें 120 आदेश जमा किए जा सकते हैं.

कुछ उच्च दर्जे के रोबोट वातावरण में होने वाले परिवर्तनों के अनुसार अपने को ढाल सकते हैं. कंप्यूटरों की सहायता से वे किसी समस्या पर निर्णय भी ले सकते हैं. एक बहुत ही जटिल रोबोट प्रक्रम ऐसा भी है, जो हवाई जहाज में पाइलट का काम कर सकता है और आम उड़ानों पर नियंत्रण रख सकता है.

आज ऐसे-ऐसे रोबॅट बन गए हैं, जो दफ्तरों में मेज साफ कर सकते हैं. इंग्लैंड में इनका उपयोग हो रहा है. आज ऐसे भी रोबोट बन गए हैं, जो मेज बिछाने, कपड़े, धोने तथा विस्तर बिछाने का काम बखूबी कर लेते हैं.


संसार में जापान के पास रोबोट सबसे अधिक हैं. अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, चीन, स्वीडन, इटली, पोलैंड, फ्रांस और भारत आदि देशों में भी रोबॅट मशीनों का उपयोग अनेक कार्यों के लिए होने लगा है. सभी रोबोट यंत्र कंप्यूटर द्वारा नियंत्रित होते हैं.

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