Sunday, 8 September

आयरन लंग मशीन (iron lung machine) जीवन-सुरक्षा की एक आधुनिक मशीन है. इस मशीन का आविष्कार सन् 1929 में हारवर्ड (अमेरिका) के फिलिप ड्रिंकर (Philip Drinker) नामक व्यक्ति ने किया था. यह मशीन उन लोगों के लिए बहुत उपयोगी है, जिन्हें छाती के पैरालिसिस या अन्य किसी बीमारी की वजह से, या फिर किसी दुर्घटना के कारण सांस लेने में तकलीफ होती है. इस मशीन में एक वायुरुद्ध-कक्ष होता है, जिसमें रोगी को रखा जाता है. यह मशीन रोगी के आस- विद्यमान वायु के दबाव को बारी-बारी से घटा-बढ़ा कर रोगी को सांस लेने में सहायता पहुंचाती है. जब छाती पर दबाव को घटाया जाता है, तो रोगी की छाती फूलती है और बाहर से वायु उसके फेफड़ों में प्रवेश कर जाती है. रोगी का सिर मशीन के बाहर होता है. जब छाती पर दबाव बढ़ाया जाता है, तो दबाव के कारण छाती सिकुड़ती है और रोगी के फेफड़ों से वायु अपने आप बाहर निकल जाती है.

इस मशीन का वायुरुद्ध-कक्ष पहियेदार होता है. कक्ष में रोगी को आराम से लिटाने के लिए रबर-फोम का गद्दा होता है. उसके सिर पर पैरों को उचित स्थिति मे रखा जा सकता है. यह मशीन विद्युत चालित है, लेकिन बिजली

चली जाने की स्थिति में इसमें एक सुरक्षा-युक्ति का प्रबंध भी होता है. ऐसी स्थिति में सुरक्षा युक्ति से संकेत मिलते ही मशीन हाथ से चलाई जा सकती है.

मशीन में एक ढक्कन होता है, जिसे खोलकर रोगी को चेंबर या कक्ष में रखा जाता है. रोगी का सिर एक प्लास्टिक के गुब्बारेनुमा गुंबद में बंद रखा जाता है, जिसमें रोगी को ठीक से लगातार सांस लेने के लिए वायु-दबाव को बारी-बारी से घटाया बढ़ाया जाता है.

अक्सर हृदय के ऑपरेशन के दौरान हार्ट-लंग मशीन का उपयोग किया जाता है. यह मशीन रोगी के हृदय और फेफड़ों का कार्य सुचारुरूप से निर्वाध चलाए रखने की जिम्मेदारी बखूबी निभाती है, ताकि सर्जन सुरक्षित रूप से ऑपरेशन कर सके.

इस मशीन का टेक्नीकल नाम कार्डियोपुलमोनरी बाइ पास मशीन (Cardiopulmonary Bypass Machine) है, क्योंकि यह हृदय और फेफड़े दोनों का कार्य करती है. शरीर का खून जो गंदा हो जाता है वह शिराओं से महाशिरा (Vena cava) में पहुंचता है. यह महाशिरा खून को लेकर हृदय में जाती है पर ऑपरेशन के समय रोगी की महाशिरा का रक्त ट्यूब द्वारा बाहर निकाल कर एक गैस एक्सचेंज यूनिट में पहुंचाया जाता है. इस यूनिट द्वारा खून से कार्बनडाई आक्साइड निकाल ली जाती है और आक्सीजन गैस मिला दी जाती है. इस प्रकार यह मशीन फेफड़े का कार्य पूरा करके एक रोटरी पंप में खून को भेज देती है जो हृदय की तरह साफ खून को धमनी में भेज देता है ताकि खून सारे शरीर में भ्रमण कर उसे जीवित रख सके.

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