Friday, 20 September

हाथी के बाद गैंडा धरती का दूसरा सबसे विशाल जीव है. गैंडे को अंग्रेजी में राइनोसेरॉस (Rhinoceros) कहते हैं. इस नाम की उत्पत्ति ग्रीक भाषा से हुई है. ‘रिहनों’ का अर्थ ग्रीक में होता है नाक और सींग, अर्थात् सींगयुक्त. इस जानवर की लंबी नाक पर एक या दों सींग होते हैं. ये सींग उम्र भर बढ़ते रहते हैं. गैंडा अंगुलेट्स के ऑडटोड (oddtoed) समूह का सदस्य है.

गैंडे का शरीर बहुत भारी होता है, पर टांगें छोटी, लेकिन मजबूत होती हैं. इसके हर पैर में तीन उंगलियां होती हैं और हर उंगली का अलग खुर होता है. आगे के दोनों पैरों में एक चौथी उंगली भी होती है, जिसे अब यह प्रयुक्त नहीं करता है.

गैंडों की किस्में (Varieties of rhinoceros)

गैंडे की आज पांच किस्में पाई जाती हैं, दो अफ्रीका में और तीन एशिया में. अफ्रीका की दोनों किस्मों और सुमात्रा की एक किस्म के गैंडे के दो सींग होते हैं, परंतु भारतीय और जावा के गैंडों के केवल एक ही सींग होता है.

indianrhinoceros6664413647130648195
भारतीय गैंडा जो देखने पर ऐसा लगता है जैसे उसने कई भारी कवच पहन रखे हों

इन सभी किस्मों में अफ्रीका का सफेद गैंडा आकार में सबसे बड़ा होता है. इसकी कंधे तक की ऊंचाई 1.8 मी. और वजन लगभग 3 टन होता है. अफ्रीका के सफेद और काले गैंडे के होंठो के आकार में अंतर होता है. सफेद गैंडे का मुंह चौड़ा और चौकोर होता है, जो घास चरने के लिए बहुत ही उपयुक्त होता है. काला गैंडा कुछ तेज होता है. इसका ऊपर का होंठ नुकीला होता है, जिससे यह झाड़ियों की फूल पत्तियां आसानी से उखाड़ कर खा सकता है. बाकी की सींगवाली दोनों किस्मों में से सुमात्रा का गैंडा सबसे छोटा होता है, यह लगभग 1½ मी. (4.5 फुट) ऊंचा होता है और इसका भार एक टन से भी कम होता है.

सुमात्रा का दो सींगों वाला काला गैंडा जो सबसे छोटे आकार का होता है

गैंडा घास, पत्ती और जड़ें खाता है. यह भोजन के लिए दूसरे पशुओं का शिकार नहीं करता.

यह विशाल पशु सामान्यतः शांतिप्रिय और एकांत में रहना पसंद करता है, लेकिन यदि इसे छेड़ने की कोशिश की जाए तो यह बहुत डरावना और आक्रामक हो जाता है. गैंडा लगभग 42 किमी. प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकता है और अपने सींगों से शत्रु पर हमला कर सकता है.

गैंडे की खाल बिना बाल की और बहुत मोटी होती है. दूर से देखने पर ऐसा लगता है, जैसे इसने कई भारी कवच पहन रखे हों और सारे कवच आपस में काबलों से कस दिए गए हों. सींग उसकी नाक की हड्डियों पर निकले मोटे बालों की तरह होते हैं.

ये खोपड़ी से जुड़े नहीं होते और कभी-कभी लड़ाई में टूट भी जाते हैं, पर ऐसी स्थिति में जल्दी ही ये फिर से निकल आते हैं. ये सींग 107 सेमी. तक लंबे होते हैं.

मादा गैंडा एक समय में एक बच्चा देती है. इसका प्रसव काल 18 महीनों का होता है और इसका बच्चा कई सालों तक अपनी मां के साथ ही रहता है.

सही देखभाल में गैंडा 50 वर्ष तक जीवित रह सकता है. दोपहर की गर्मी से बचने के लिए गैंडा कीचड़-पानी में रहना अधिक पसंद करता है. जब यह बाहर निकलता है, तो इसके सारे शरीर पर कीचड़ की पर्त जमी होती है. यह कीचड़ उसके शरीर पर ही सूख जाता है और गैंडे को मच्छरों आदि के काटने से बचाता है.

आजकल गैंडे कठिनाई से ही मिलते हैं. सदियों से लोग इनके सींग प्राप्त करने के लिए इनका शिकार करता आ रहा है. प्राचीन काल से लोगों में यह अंधविश्वास चला आ रहा है कि इसके सींग में जादुई शक्ति होती है, लेकिन अब सफेद और काले दोनों गैंडों की रक्षा कानून कर रहा है, ताकि धरती से ये विलुप्त न हो सकें.

Share.
Exit mobile version