Friday, 18 October

रात्रि के अंधकार में आकाश में असंख्य तारों की छटा बड़ी ही मनमोहक लगती है. आकाश के इन तारों की चमक तथा आकार अलग-अलग होता है. ध्यान से देखने पर पता चलता है कि इन तारों का रंग भी अलग अलग है. सूर्य भी एक तारा है. 

सूर्य और तारों का तापमान किस प्रकार मापा जाता है?

तारों का तापमान ज्ञात करने के कई तरीके हैं. तारों के रंगों के आधार पर उनके तापमान का काफी हद तक सही अनुमान लगाया जा सकता है. सामान्य तौर पर तारों का रंग लाल, संतरी, पीला, सफेद और नीला होता है. लाल रंग के तारों का तापमान सबसे कम होता है लेकिन नीले रंग के तारे बहुत अधिक गर्म होते हैं. रंगों के आधार पर तारों का तापमान निम्न तालिका की सहायता से ज्ञात किया जा सकता है:

तारों का तापमान ज्ञात करने का एक दूसरा तरीका है, जो अधिक सही परिणाम देता है. इस तरीके में तारों से आने वाले प्रकाश का स्पैक्ट्रम (Spectrum) ले लिया जाता है. तारों के प्रकाश में बहुत सी तरंग दैर्ध्य (Wavelength) होती है. इन तरंगदैध्यों को स्पैक्ट्रोग्राफ की सहायता से अलग-अलग कर लिया जाता है. स्पैक्ट्रोग्राफ में एक प्रिज्म या ग्रेटिंग होती है, जो प्रकाश की तरंगदैयों को अलग-अलग कर देती है. इन तरंगदैध्यों की फोटो फिल्म पर अलग-अलग लाइनें प्राप्त होती हैं. इन्हीं को स्पैक्ट्रम लाइनें कहा जाता है. विभिन्न तारों के स्पैक्ट्रम के अध्ययन से पता चलता है गैस हीलियम होती है. इन दोनों गैसों के अतिरिक्त तारों में कुछ धातुएं भी होती हैं. ठंडे तारों में कुछ यौगिक भी होते हैं, लेकिन गर्म तारों में अधिक तापमान के कारण ये यौगिक परमाणुओं में टूट जाते हैं.

तारों का तापमान ज्ञात करने के लिए स्पैक्ट्रम का अध्ययन करना होता है. अलग-अलग तारों का स्पैक्ट्रम तापमान के अनुसार अलग-अलग होता है. स्पैक्ट्रम से प्राप्त लाइनों की चमक भी अलग-अलग होती है. कुछ लाइनें अधिक चमकदार होती हैं, तो दूसरी कुछ कम चमकदार यह देखा गया है कि नीले रंग के तारे ओ-टाइप का स्पैक्ट्रम देते हैं. हमारे सूर्य का जी (G) टाइप का स्पैक्ट्रम है. नीले रंग के तारों से प्रति इकाई क्षेत्रफल में सूर्य की तुलना में 20 गुने अधिक विकिरण निकलते हैं, जबकि लाल रंग के तारों से निकलने वाले विकिरण सूरज की तुलना में 20वां हिस्सा ही होते हैं.

तारों के स्पैक्ट्रम में उपस्थित लाइनों की चमक मापी जाती है और वॉस डिसप्लेसमेंट ला (Wien’s Displacement Law) की सहायता से तापमान ज्ञात कर लिया जाता है. निकलने वाले प्रकाश की तीव्रता तथा तरंगदैर्ध्य का ग्राफ खींच लिया जाता है. तारे का तापमान उस अधिकतम आवृत्ति के समानुपाती होता है, जिस पर सबसे अधिक विकिरण निकलता है, अर्थात् ग्राफ के उच्चतम बिंदु के समानुपाती होता है. इस प्रकार किसी भी तारे के स्पैक्ट्रम द्वारा उसका तापमान ज्ञात किया जा सकता है.

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