Thursday, 24 October

जब झीलों या तालाबों की ऊपरी सतह बर्फ के रूप में जम जाती है तब भी निचली सतहों पर पानी नहीं जमता और इसीलिए उसके नीचे जीव जीवित अवस्था में बने रहते हैं

ठंडे प्रदेशों में जब वातावरण का तापमान 0° सैल्सियस से कम हो जाता है, तो वहां के तालाबों, झीलों और नदियों का पानी जम जाता है. इस जमे हुए पानी में रहने वाले जीव-जंतु मरते नहीं हैं, इन्हें देखकर हमें आश्चर्य होता है कि ये बर्फ में जिन्दा कैसे रहते हैं. वास्तविकता तो यह है कि इन प्रदेशों में झीलों, तालाबों आदि में पानी की केवल ऊपरी सतह ही जमकर बर्फ में बदलती है, नीचे का पानी नहीं जमता है. यह द्रव रूप में ही रहता है. सभी जंतु इस द्रव पानी में आराम से रहते हैं और मरने से बच जाते हैं. क्या तुम जानते हो कि ऊपर का पानी क्यों जम जाता है और नीचे का पानी द्रव रूप में क्यों रहता है?

सामान्यरूप से सभी द्रव पदार्थ गर्म करने पर फैलते हैं, लेकिन निम्न तापमान पर पानी इस नियम का पालन नहीं करता. जब ० सैल्सियस के पानी को गर्म किया जाता है, तो 4° सैल्सिय तक इसका आयतन घटता है और 4° सैल्सिय पर निम्नतम होकर फिर तापमान बड़ने के साथ-साथ बढ़ना शुरू हो जाता है. 4° सैल्सियस के बाद जैसे-जैसे तापमान बढ़ता है, पानी का आयतन भी बढ़ता जाता है. इसका अर्थ होता है कि 4° सैल्सियस पर पानी का घनत्व अधिकतम होता है. पानी का यह अनियमित प्रसार प्रकृति में बहुत ही महत्व का है. इस तरह-जल में समुद्री जीव आराम से जिन्दा रहते हैं.

जाड़े के दिनों में ठंडे प्रदेशों में जब वातावरण का तापमान गिरता है, तो झीलों और तालाबों के जल की ऊपरी सतह ठंडी होने लगती है. जब ऊपरी सतह का तापमान 4° सैल्सियस पहुंच जाता है, तो इसका घनत्व अधिकतम हो जाता है, अर्थात् ऊपरी परतों का पानी भारी हो जाता है. इस भारीपन के कारण यह पानी नीचे की ओर बैठना शुरू हो जाता है और नीचे का पानी ऊपर आने लगता है. यह प्रक्रम तब तक जारी रहता है, जब तक कि समस्त जल का तापमान 4° सैल्सियस नहीं पहुंच जाता. जब ऊपरी जल का तापमान 4° सैल्सियस से कम होना शुरू होता है, तो इसका घनत्व कम होना शुरू हो जाता है और इस जल का नीचे जाना बंद हो जाता है. ठंड के कारण इसका तापमान गिरते- गिरते 0° सैल्सियस पहुंच जाता है और पानी की ऊपरी सतह बर्फ में बदल जाती है, जबकि नीचे की परतें 4° सैल्सियस वाले पानी के रूप में ही रहती हैं. इस जल में मछली तथा दूसरे समुद्री जीव आराम से जिन्दा रहते हैं. यदि पानी का प्रसार नियमित होता तो झीलों और तालाबों का समस्त पानी जमकर बर्फ में बदल जाता और उनमें रहने वाले सभी जीव और पेड़-पौधे समाप्त हो जाते.

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