Friday, 20 September

धरती पर हजारों किस्म के कीड़े-मकोड़े हैं. इनमें से कुछ हमारे मित्र हैं, तो कुछ शत्रु हैं. अब तक वैज्ञानिक कीड़ों की 800,000 से भी अधिक किस्मों का अध्ययन कर चुके हैं. क्या तुम जानते हो कि कीड़ों में प्रजनन तथा विकास कैसे होता है?

अधिकतर कीड़ों (Insects) में लैंगिक प्रजनन होता है. इस क्रिया में नर कीड़ा मादा के शरीर में शुक्राणु (Sperm) प्रवेश कराता है. कीड़े अपने अंडों की देखभाल और सुरक्षा नहीं करते, बल्कि पोषण के सुरक्षित स्थान पर इनमें से स्वयं ही बच्चे निकल आते हैं. कुछ कीड़ों में निषेचन की क्रिया बाहर होती है अर्थात् मादा कीड़ा अंडा दे देती है, तब नर निषेचन की क्रिया करता है.

कुछ ऐसे भी कीड़े हैं, जिनके अंडों से बिना निषेचन (Fertilization) के ही बच्चे निकल आते हैं. यह एक प्रकार का अलैंगिक प्रजनन है. इस प्रजनन को परथैनोजेनेसिस (Parthenogenesis) कहते हैं.

अंडे से बच्चा बनने की क्रिया कई चरणों में पूरी होती है. कुछ आदिम कीड़ों में तो अंडे से सीधे ही बच्चा बन जाता है, लेकिन अधिकतर कीड़ों में अंडे से लार्वा से प्यूपा तथा प्यूपा से बच्चा बनता है. इस प्रकार प्रजनन की क्रिया चार चरणों (अंडा, लार्वा, प्यूपा तथा बच्चा) में पूरी होती है. कुछ कीड़ों में यह क्रिया तीन चरणों- अंडा, निम्फ, बच्चे में पूरी जाती हो है. निम्फ का रूप एक छोटे बच्चे का रूप होता है. अंडे से बच्चे बनने का प्रक्रम कई दिन से लेकर कई वर्षों तक में पूरा होता है. यह वातावरण की परिस्थितियों पर निर्भर करता है. बहुत से कीड़ों के अंडे ठंड तथा प्रतिकूल परिस्थितियों में भी जीवित रह सकते हैं.

कीड़े हमारे लिए लाभदायक भी हैं और हानिकारक भी. कुछ हानिकारक कीड़े फसल तथा पौधों को बर्बाद कर देते हैं. कुछ कीड़े रोग के कीटाणु अपने साथ ले जाते हैं और अनेक छूत के रोग फैलाते हैं. इन रोगों में बैक्टीरिया, वायरस, फंगी तथा पैरासाइट जनित रोग आते हैं.

जहां तक इनके लाभ का प्रश्न है, इन्हीं के द्वारा पौधों में निषेचन क्रिया संभव होती है. ये पक्षियों के लिए भोजन के काम आते हैं. कुछ देशों में कुछ कीड़ों को मनुष्य भोजन के रूप में भी प्रयोग करता है. रेशम के कीड़ों से हमें रेशम प्राप्त होता है. कुछ कीड़ों से हमें मोम तथा शहद मिलता है. इनका इस्तेमाल रंग, शेलैक्स, औषधियां तथा दूसरी वस्तुओं के निर्माण में

भी होता है. तुम्हें जानकर आश्चर्य होगा कि कुछ कीड़ों की आंखें 30,000 छोटे-छोटे लेंसेज, जिन्हें फेसेट्स (Facets) कहते हैं, से बनी होती हैं.

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