Sunday, 8 September

शक्तिशाली विद्युत जेनरेटरों से तांबे और एल्युमिनियम के तारों द्वारा हम अपने घरों, फैक्टरियों, स्कूलों और गोदामों आदि में बिजली पहुंचाते हैं. विद्युत घरों में कोयला जलाकर या ऊंचाई से पानी गिराकर या नाभिकीय क्रियाओं द्वारा बिजली बनाई जाती है. विद्युत-घर आमतौर पर उन स्थानों पर बनाए जाते हैं, जहां बिजली पैदा करना सस्ता पड़ता है. इन विद्युत-घरों से ही तारों द्वारा बिजली हमारे शहरों और गांवों तक भेजी जाती है. आमतौर पर विद्युत-संचरण के लिए दो तारों की आवश्यकता होती है.

बिजली तारों द्वारा एक स्थान से दूसरे स्थान तक कैसे जाती है?

विद्युत का क्षय रोकने के लिए सबसे पहले विद्युत-घर में ट्रांसफॉर्मर द्वारा इसे निम्न विभवांतर (Low Voltage) से उच्च विभवांतर में बदला जाता है. फिर इसे तारों के माध्यम से वांछित स्थान तक भेजा जाता है. उस स्थान पर फिर एक बार इसे उच्च विभवांतर से निम्न विभवांतर में बदलकर घरों और फैक्टरियों में भेजा जाता है.

विद्युत तारों में होकर कैसे प्रवाहित होती है, इस बात को समझने के लिए यह जानना जरूरी है कि सभी पदार्थ परमाणुओं के संघटन से बने हैं. जिन पदार्थों में से विद्युत आसानी से बहती है, उन्हें विद्युत का सुचालक कहते हैं. तांबा, एल्युमिनियम, सोना-चांदी आदि विद्युत के सुचालक हैं. इन धातुओं के परमाणुओं के इलेक्ट्रोन धातु के अंदर मुक्त अवस्था में रहते हैं और गति करते रहते हैं. इन्हें मुक्त इलेक्ट्रोन कहते हैं. वास्तव में ये इलेक्ट्रोन ही विद्युत धारा के वाहक होते हैं. किसी धातु में मुक्त इलेक्ट्रोनों की संख्या जितनी अधिक होगी, वह धातु विद्युत की उतनी ही अच्छी चालक होगी.

जब किसी बैटरी या दूसरे विद्युत-स्रोत को तार से जोड़ा जाता है, तो ऋणात्मक आवेशित इलेक्ट्रोन विद्युत- स्रोत के ऋणात्मक इलेक्ट्रोड से धनात्मक इलेक्ट्रोड की ओर दौड़ने लगते हैं. मुक्त इलेक्ट्रोनों का यही प्रवाह विद्युत का बहना है. अतः धातु के तार में इलेक्ट्रोनों के गतिशील होने से ही तार में विद्युत धारा प्रवाहित होती है. धातु के तार में जितने अधिक इलेक्ट्रोन प्रवाहित होते हैं, उतनी ही अधिक विद्युत-धारा तार में प्रवाहित होती है.

कुछ पदार्थ विद्युत के कुचालक होते हैं. इन पदार्थों में मुक्त इलेक्ट्रोनों की संख्या नहीं के बराबर होती है. अतः ये पदार्थ विद्युत के प्रवाह में अवरोध पैदा करते हैं. किसी तार का प्रतिरोध उसकी लंबाई और मोटाई पर निर्भर करता है.

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Insulator

कुछ पदार्थ ऐसे भी होते हैं, जिनमें से विद्युत धारा बिल्कुल प्रवाहित नहीं हो सकती. इनको हम विद्युत इंसुलेटर (Insulator) कहते हैं. इनमें मुक्त इलेक्ट्रोन बिल्कुल नहीं होते. परमाणुओं के साथ उनका बंध बहुत ही मजबूत होता है. अतः इनमें होकर विद्युत प्रवाहित नहीं हो सकती. कांच, माइका, रबर आदि ऐसे ही पदार्थ हैं. लकड़ी और प्लास्टिक भी विद्युत के लिए कुचालक हैं. सिलिकान और जर्मेनियम आदि कुछ ऐसे पदार्थ हैं, जो सुचालक और कुचालक के बीच में आते हैं. इन पदार्थों को अर्द्धचालक कहते हैं.

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