Sunday, 8 September

बाइनाकुलर दूर की वस्तुओं को बड़े आकार में दिखाने वाला यंत्र है, इसमें दोनों आंखों से देखा जाता है

बाइनाकुलर्स (Binoculars) या दूरबीन एक प्रकार के दूर- बा दर्शियों का जोड़ा होता है, जो एक ही फ्रेम में लगा रहता है. यह दूर की वस्तुओं को नजदीक और आवर्द्धित करके दिखाता है.

बाइनाकुलर्स में लगे दोनों दूरदर्शी एक जैसे होते हैं और प्रत्येक दूरदर्शी एक आंख के लिए होता है. प्रत्येक दूरदर्शी एक कीप के आकार की नली जैसा होता है. इसमें एक अभिदृश्यक लेंस और एक नेत्रिका लेंस होता है. अभिदृश्यक लेंस वस्तु की ओर रखा जाता है और नेत्रिका लेंस आंख के पास रखा जाता है. परावर्तन का प्रभाव कम करने के लिए लेंसों पर विशेष पदार्थों की बहुत ही पतली तह चढ़ा दी जाती है. दोनों लेंसों के बीच में दो प्रिज्म लगे होते हैं, जो वस्तु के उल्टे प्रतिबिंब को सीधा करने का काम करते हैं.

बाइनाकुलर्स कैसे काम करता है?

वस्तु से आने वाली प्रकाश की किरणें अभिदृश्यक लेंस पर पड़ती हैं और वस्तु का उल्टा प्रतिबिब बनाती हैं. यह प्रतिबिंब दो प्रिज्मों द्वारा सीधा कर दिया जाता है. यह सीधा प्रतिबिब नेत्रिका लेंस द्वारा आवर्द्धित कर दिया जाता है और इस प्रकार दूर की वस्तु हमें बाइनाकुलर्स से साफ और बड़ी दिखाई देती है.

अधिकतर बाइनाकुलर्स में दूरदर्शियों को फोकस करने के अंगूठे से घुमाने वाला एक गोल पेंच होता है. कुछ बाइनाकुलर्स में फोकस करने के लिए दोनों आंखों के लिए दो अलग-अलग पेंच होते हैं.

बाइनाकुलर्स के बॉक्स पर दो संख्याएं लिखी होती हैं. इनमें से पहली संख्या इसके आवर्द्धन के विषय में बताती है तथा दूसरी संख्या आवर्द्धक लेंस का मिलीमीटरों में व्यास प्रदर्शित करती है. मान लो कि किसी बाइनाकुलर्स पर 6 x 35 लिखा है, तो इसका अर्थ है कि यह वस्तु को छः गुना बड़ा करके दिखाएगा तथा इसके अभिदृश्यक लेंस का व्यास 35 मिलीमीटर है.

बाइनाकुलर्स दोनों आंखों को प्रयोग में लाकर वस्तुओं का स्टीरिओस्कोपिक (Stereoscopic) दृश्य प्रस्तुत करते हैं. इनका इस्तेमाल अधिकतर लोग खेल के मैदानों में खेल को अच्छी तरह देखने में करते हैं. कुछ आधुनिक सूक्ष्मदर्शियों में भी बाइनाकुलर्स फिट होते हैं. इससे वस्तु का प्रतिबिंब स्पष्ट और तीन विमाओं वाला दिखाई देने लगता है.

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