यह बात विचित्र लगती है लेकिन यह सच है कि अंतरिक्ष यात्री अंतरिक्ष के खाली स्थान (Space) में चल सकते हैं. यह अजीब इसलिए मालूम पड़ता है। क्योंकि आमतौर पर जब हम चलते हैं तो अपने पैर धरती पर रखते हुए चलते हैं और धरती की आकर्षण शक्ति हमें अपनी ओर खींचती है. लेकिन जब पैरों को अपनी ओर खींचने तथा उन्हें रखने के लिए खाली जगह में न कोई सतह हो और न गुरुत्वाकर्षण शक्ति, तो अंतरिक्ष यात्री वहां कैसे चलते हैं?
साधारण अर्थों में पृथ्वी पर चलने और अंतरिक्ष यात्रियों द्वारा बाहरी अंतरिक्ष की खाली जगह (Space) में चलने में बहुत फर्क है. खाली जगह पर चलने में अंतरिक्ष यात्री एक हैंड रॉकेट (Hand rocket) की सहायता लेते हैं जो उन्हें गति करने की शक्ति देता है. हाथ में पकड़ा जाने वाला यह रॉकेट आगे बढ़ने के सिद्धांत पर कार्य करता है. रॉकेटों में उनके पीछे से बहुत तेजी और शक्ति से निकलने वाली गैस उन्हें उतनी ही तेजी से आगे की ओर बढ़ाती है. गति करने का यह सिद्धांत वैज्ञानिक न्यूटन के द्वारा खोजे गए गति के नियम के अनुसार कार्य करता है.
गति का यह नियम है– ” प्रत्येक क्रिया की सदैव उतनी ही प्रतिक्रिया उल्टी दिशा में होती है.” अंतरिक्ष यात्री हैंड रॉकेट को अपने हाथ में पकड़े होता है, जब वह रॉकेट को चालू करता है तब रॉकेट के पीछे से निकलने वाली गैस के धक्के के फलस्वरूप रॉकेट आगे बढ़ता है जिससे उसके साथ ही अंतरिक्ष यात्री भी आगे बढ़ने लगता है.सच यह है कि वास्तव में यह चलता नहीं है वरन् तैरता है क्योंकि खाली स्थान (Space) में पैरों को रखने के लिए कोई सतह नहीं होती।
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अंतरिक्ष यात्री अंतरिक्ष के खाली स्थान में चलते क्यों हैं?
इसके कई कारण हो सकते हैं, जैसे अंतरिक्ष में कोई प्रयोग करना, एक अंतरिक्ष यान से दूसरे अंतरिक्ष यान में जाना, यान की बाहरी सतह पर कोई मरम्मत का कार्य करना. ऐसे कार्यों के समय वे विशेष रूप से बनाये गये हैंड राकेट्स (Hand rockets) का उपयोग करते हैं और उसके गैस निकलने के छिद्र को अपने चलने के मार्ग की दिशा के विपरीत रखते हैं.
अंतरिक्ष के खाली स्थान में पहली बार रूस का अंतरिक्ष यात्री ए. लेओनोव (A. Leonov) सन् 1965 में अपने अंतरिक्ष यान के बाहर 24 मिनट तक चला था. अंतरिक्ष के खाली स्थान में चलने की दूसरी महत्वपूर्ण घटना सन् 1973 में हुई थी जब अमेरिका के अंतरिक्ष उपग्रह (Satellite) स्काईलैब के ताप सुरक्षा कवच (Heat Shield) की मरम्मत का कार्य अंतरिक्ष यात्रियों ने बाह्य अंतरिक्ष में जाकर किया था. इसके बाद से अंतरिक्ष यात्री बाहरी अंतरिक्ष की खाली जगह में जाकर अनेक कार्य तथा प्रयोग कर चुके हैं।