Tuesday, 17 September

Vedaa Movie: जॉन अब्राहम की फिल्म ‘वेदा’ राजस्थान के एक छोटे से शहर की पृष्ठभूमि पर आधारित है, जो जातिवाद जैसे गंभीर मुद्दे को उठाती है। निर्देशक निखिल आडवाणी ने दो कहानियों को एक साथ पेश करने की कोशिश की है।
पहली कहानी वेदा (शरवरी वाघ) की है, जो एक दलित परिवार से आती है और कॉलेज में भेदभाव का सामना करती है। उनके भाई की ऊंची जाति की लड़की से प्रेम हो जाता है, जिसके कारण दोनों को अपनी जान गंवानी पड़ती है। इस घटना के बाद मेजर अभिमन्यु (जॉन अब्राहम) वेदा को बचाने की कोशिश करते हैं।

दूसरी कहानी मेजर अभिमन्यु की है, जो एक बहादुर सैनिक हैं और जिनकी पत्नी का आतंकवादियों द्वारा हत्या कर दिया जाता है। बदला लेने के बाद उन्हें नौकरी छोड़नी पड़ती है और वे अपने ससुर के घर लौट आते हैं। यहां वे एक बॉक्सिंग कोच के असिस्टेंट बन जाते हैं और वेदा से मिलते हैं। प्रधान (अभिषेक बनर्जी) के खिलाफ जाकर वेदा को बॉक्सिंग सिखाते हैं।

फिल्म का विषय महत्वपूर्ण है, लेकिन कहानी कमज़ोर है। फिल्म की गति धीमी है, खासकर दूसरा भाग काफी उबाऊ लगता है। जॉन अब्राहम का एक्शन अच्छा है और शरवरी वाघ की एक्टिंग प्रभावशाली है। आशीष विद्यार्थी और अभिषेक बनर्जी ने भी अपने किरदारों को अच्छे से निभाया है। लेकिन कमज़ोर निर्देशन और संपादन ने फिल्म की चमक फीकी कर दी है।

कुल मिलाकर, ‘वेदा’ एक अच्छी कोशिश है, लेकिन कमज़ोर कहानी और धीमी गति के कारण यह दर्शकों को बांधे रखने में नाकाम रहती है। अगर आप जॉन अब्राहम के एक्शन फैन हैं तो आप इसे देख सकते हैं, वरना ओटीटी रिलीज़ का इंतज़ार कर सकते हैं।

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