Author: Shailja Dubey

"पत्रकारिता का मुख्य काम है, लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को संदर्भ के साथ इस तरह रखना कि हम उसका इस्तेमाल लोगों को सही दिशा देने में कर सकें।" इसी उद्देश्य के साथ मैं पिछले 5 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम कर रही हूं। मुझे डिजिटल से लेकर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का अनुभव है। मैं कॉपी राइटिंग, वेब कॉन्टेंट राइटिंग करना जानती हूं। अभी मैं दैनिक अपडेट, मनोरंजन, सामान्य ज्ञान और जीवनशैली समेत अन्य विषयों पर काम कर रही हूं।

आयरन लंग मशीन (iron lung machine) जीवन-सुरक्षा की एक आधुनिक मशीन है. इस मशीन का आविष्कार सन् 1929 में हारवर्ड (अमेरिका) के फिलिप ड्रिंकर (Philip Drinker) नामक व्यक्ति ने किया था. यह मशीन उन लोगों के लिए बहुत उपयोगी है, जिन्हें छाती के पैरालिसिस या अन्य किसी बीमारी की वजह से, या फिर किसी दुर्घटना के कारण सांस लेने में तकलीफ होती है. इस मशीन में एक वायुरुद्ध-कक्ष होता है, जिसमें रोगी को रखा जाता है. यह मशीन रोगी के आस- विद्यमान वायु के दबाव को बारी-बारी से घटा-बढ़ा कर रोगी को सांस लेने में सहायता पहुंचाती है. जब छाती…

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ई.सी.जी. (Electrocardiography- ECG) या विद्युत हृदयलेखन हृदय के धड़कने के कारण पैदा हुए विद्युत-कंपनों का ग्राफ बनाने की एक विधि है. इस ग्राफ को विद्युतहृदयलेख (Electrocardiography) कहते हैं. हृदय की सभी क्रियाएं विद्युत- कंपनों द्वारा ही संचालित होती हैं. हृदय का प्रत्येक भाग जिसमें से रक्त बहता है, अपना स्वतंत्र विद्युत लहरों का पैटर्न बनाता है. इन्हीं कंपनों के अलग- अलग आरेख को मशीन द्वारा रिकार्ड करके इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम (Electrocardiogram) बना लिया जाता है. यह ग्राफ हृदय की हालत और गतिविधियों के विषय में अत्यंत उपयोगी सूचनाएं देता है. यह हृदय की बीमारियों का इलाज करने में बहुत काम आता है.…

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कोढ़ (Leprosy) एक बहुत ही खतरनाक बीमारी है जो अधिकतर उमस भरे, उष्णकटिबंधीय और उपोष्ण मौसम वाले प्रदेशों में होती है. अधिकतर एशिया, दक्षिणी अमेरिका, जापान, कोरिया और प्रशांत महासागर के द्वीपों में मिलते हैं. यह बीमारी धीरे-धीरे बढ़ती है. यद्यपि यह छूत की बीमारी है, फिर भी यह इतनी आसानी से नहीं फैलती जैसा कि हम पहले सोचते थे. कोढ़ माइकोबैक्टीरियम लेपरी बैसिल्स (Myco- bacterium leprae bacillus) नाम के जीवाणुओं के कारण होता है. ये आदमी की खाल और स्नायु-तंत्र को प्रभावित करते हैं और शरीर पर जगह-जगह सफेद चकत्ते पड़ जाते हैं और गांठें उभर आती हैं. ये…

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भारत में लोक-सभा तथा राज्य सभा संसद या केंद्रीय विधान-परिषद के दो सदन हैं. राष्ट्रपति का पद संसदीय लोकतंत्र का एक हिस्सा होते हुए भी कुछ अर्थों में संसद से ऊपर है. उदाहरण के लिए दोनों सभाओं से पास बिल पर राष्ट्रपति की सहमति लेना जरूरी है. उनकी सहमति के बाद ही यह बिल कानून का रूप धारण करता है. संसद के साल में कम से कम दो अधिवेशन जरूरी हैं. दोनों अधिवेशनों के होने के बीच का अंतराल छः महीने से अधिक नहीं होना चाहिए, संसद के निम्न सदन (The Lower House or House of the People) को लोक-सभा…

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लिवर (Liver) जिसे हिंदी में जिगर या यकृत भी कहते हैं उदर में एक बहुत ही महत्वपूर्ण और आवश्यक अंग है. इसे शरीर की रात दिन चलने वाली लेबोरेटरी, प्रयोगशाला या रसायन बनाने का कारखाना कहा जा सकता है. जिगर में सौ से भी अधिक प्रक्रियाएं चलती रहती हैं. मूलरूप से जिगर का कार्य भोजन को मलोत्सर्जन, भोजन-सामग्री का संचयन और भोज्य पदाथों का रूपांतरण, रक्त-निर्माण की प्रक्रिया को बनाए रखना तथा विषैले तत्वों को नष्ट करना आदि है. यदि कसी मनुष्य का जिगर काम करना बंद कर दे तो कुछ ही घंटों में उसकी मृत्यु निश्चित है. एक वयस्क…

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कुछ पदार्थों विशेषकर प्रोटीनों के प्रति शरीर की असाधारण संवेदनशीलता को एलर्जी (Allergies) कहते हैं. हे-फीवर (परागज ज्वर), त्वचा पर चकत्ते पड़ना, किसी खास प्रकार के इंजेक्शन की प्रतिक्रिया और कुछ प्रकार के दमा रोग मनुष्य में होने वाली एलर्जी के कुछ उदाहरण हैं. हमारे वातावरण में प्रतिरक्षा प्रणाली को प्रभावित करने वाले अनेक पदार्थों के असंख्य कण मिलते हैं इन पदार्थों को एलर्जी के रूप में जाना जाता है जो अधिकतर लोगों के लिए हानिकारक नही होते. एलर्जी उत्पन्न करने वाले ये पदार्थ पराग या धूल कणों के साथ नाक या आंखों द्वारा शरीर में प्रवेश कर जाते हैं. ये…

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अस्पताल (Hospital) वह स्थान और संस्था है। जहां बीमार लोगों की देखभाल और इलाज किया जाता है. क्या आप जानते हो कि अस्पतालों की शुरुआत कब और कैसे हुई? अस्पतालों या औषधालयों ((Hospital) का इतिहास भारत और यूनान देश के बेबीलोनिया से शुरू होता है. शुरू के ये अस्पताल मंदिर थे. मरीजों को बहुत थोड़ी दवायें दी जाती थीं. लंका में ईसा से 437 वर्ष पूर्व भी अस्पताल थे, भारत में इससे भी पहले महात्मा बुद्ध के समय से अस्पतालों की स्थापना होती आ रही है. सम्राट अशोक द्वारा तीसरी ईसवी में 18 अस्पतालों की स्थापना की गई थी और…

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एल्बिनिज्म (Albinism) लैटिन शब्द एल्बस (Albus) से बना है, जिसका अर्थ है-सफेद, एल्बिनिज्म या रंजकहीनता या रंगहीनता एक पैतृक रोग है, जो जीन्स (Genes) में परिवर्तन आ जाने से होता है. रंजकहीनता केवल मनुष्यों में ही नहीं, बल्कि जानवरों और पौधों में भी मिलती है. रंजकहीनता  आंखों, खाल पर और बालों में से पीले, लाल, भूरे और काले रेशों की अनुपस्थिति से पैदा होती है. इसकी वजह से शरीर में धब्बे पड़ जाते हैं.  एल्बिनिज्म छुआछूत का रोग नही है यह एक जेनेटिक रोग है जो ज्‍यादातर मामलों में बच्‍चों को माता-पिता से मिलता है और एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी…

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चिकन पॉक्स (Chicken pox) या छोटी माता बच्चों में होने वाला आम रोग है. यह आमतौर पर दो से छह वर्ष के आयु वर्ग में होता है. वयस्क लोग इस रोग के संक्रमण से कदाचित ही ग्रसित होते हैं. यह रोग आमतौर से महामारी के रूप में फैलता है. चिकन पॉक्स का कारण चिकन पॉक्स एक प्रकार के सूक्ष्म विषाणु द्वारा फैलता है, जिसे विशेष प्रकार के माइक्रोस्कोप से ही देखा जा सकता है. इस सूक्ष्म विषाणु का नाम वरिसेला जॉस्टर (Vericella Zoster virus) है. हवा में नमी द्वारा इसके विषाणु एक जगह से दूसरी जगह जाकर यह बीमारी तेजी…

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आमतौर पर अन्य जीवों की तुलना में स्तनपायी जीवों का मस्तिष्क उनके शरीर के अनुपात से बड़ा होता है. स्तनपायी जीवों में मनुष्य का मस्तिष्क सबसे अधिक विकसित और बड़ा है. यह जीवन भर शरीर के सभी कार्यों और गतियों पर नियंत्रण रखता है. यह हर क्षण सक्रिय रहता है और शरीर के सभी अंगों को उनके कार्यों के बारे में मार्ग निर्देशन देता है. यही कारण है कि मस्तिष्क को शरीर का नियंत्रण केंद्र कहते हैं. क्या आप जानते हो कि हमारा मस्तिष्क किसका बना हुआ है यह अपने भिन्न-भिन्न कार्यों को कैसे करता है? मानव मस्तिष्क (Human Brain)…

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