Author: Shailja Dubey

"पत्रकारिता का मुख्य काम है, लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को संदर्भ के साथ इस तरह रखना कि हम उसका इस्तेमाल लोगों को सही दिशा देने में कर सकें।" इसी उद्देश्य के साथ मैं पिछले 5 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम कर रही हूं। मुझे डिजिटल से लेकर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का अनुभव है। मैं कॉपी राइटिंग, वेब कॉन्टेंट राइटिंग करना जानती हूं। अभी मैं दैनिक अपडेट, मनोरंजन, सामान्य ज्ञान और जीवनशैली समेत अन्य विषयों पर काम कर रही हूं।

उल्लू का बोलना या बिल्ली के द्वारा रास्ता काट जाना, अंधविश्वास के कारण मौत का पूर्व संकेत और अशुभ समझा जाता है मानव सभ्यता के आरंभ से ही अंधविश्वासों ने समाज में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. आज भी ऐसे अनेक लोग हैं, जो विभिन्न घटनाओं के विषय में अंधविश्वासी हैं. वे किसी न किसी कारण से उन अंधविश्वासों से चिपके हुए हैं. वे इन्हें छोड़ना ही नहीं चाहते. क्या आप जानते हो कि इन अनेक अंधविश्वासों का आरंभ कैसे हुआ? प्राचीन काल में मानव का ज्ञान बहुत ही सीमित था और प्रकृति में होने वाली अनेक घटनाओं जैसे बादलों…

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विद्युत फ्यूज ऐसी धातु के तार का छोटा सा टुकड़ा होता है जो आवश्यकता से अधिक विद्युत धारा होने पर आसानी से पिघल जाता है इलैक्ट्रिक फ्यूज (Electric Fuse) एक ऐसा सुरक्षा साधन है। जो विद्युत-धारा पर विद्युत परिपथ (Circuit) को काट देता है. किसी विद्युत परिपथ में अधिक विद्युत धारा बहने के दो मुख्य कारण हैं. जब विद्युत परिपथ कहीं पर शार्ट (Short) हो जाता है, तो बहुत अधिक विद्युत धारा बहने लगती है. दूसरा जब एक ही लाइन पर बहुत विद्युत-यंत्र चलाए जाते हैं, तो परिपथ में धारा की मात्रा अधिक हो जाती है. अधिक विद्युत धारा के…

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औद्योगिक क्रांति के कारण विज्ञान और तकनालॉजी में ही नहीं वरन् अन्य क्षेत्रों में भी बड़े-बड़े परिवर्तन हुए. इन परिवर्तनों के कारण बहुत सी सामाजिक बुराइयों और समस्याओं का भी जन्म हुआ यद्यपि लाखों वर्षों से धरती पर मानव का अस्तित्व रहा है, किन्तु उसके जीवन में अत्यंत महत्त्वपूर्ण परिवर्तन पिछले दो सौ वर्षों से ही हुए हैं. ये परिवर्तन मुख्य रूप से मशीनों के आविष्कार और विकास के परिणामस्वरूप हुए है, मानव इतिहास के इन दो सौ वर्षों के काल को औद्योगिक क्रांति का युग कहा जाता है. इंग्लैंड के औद्योगिक क्रांति की शुरुआत सन् 1750 के आसपास हुई…

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प्राचीनकाल में मनुष्य नदियों का उपयोग सामान और सवारियों को एक स्थान से दूसरे स्थानों को ले जाने लिए करता रहा है. लेकिन नदियों द्वारा केवल उन जगहों तक जाया जा सकता है जहां से वे बहती हुई जाती हैं. मनुष्य नदियों से वहां नहीं जा सकता जहां से वे बहती नहीं हैं, इसलिए मनुष्य ने एक नदी को दूसरी नदी, झील या समुद्र से जोड़ने के लिए नहरें बनाई. नहरें बनाने के अन्य महत्वपूर्ण कारण भी हैं जैसे सिंचाई की व्यवस्था करना, मछलियां पकड़ना, किसी स्थान पर एकत्रित हुए पानी को बाहर निकालना, उन पर नौका विहार का आनन्द…

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चीनी (Sugar) प्रकृति से प्राप्त मिठास पैदा करने वाला ऐसा पदार्थ है, जिसे हम रोज ही प्रयोग करते हैं. यह गन्ने से प्राप्त की जाती है. मानव इसका इस्तेमाल प्राचीन काल से ही करता आ रहा है. गन्ने के अतिरिक्त चीनी हमें ताड़, चुकंदर और मैपिल के रस से भी प्राप्त होती है. दूसरा प्रकृति प्रदत्त मिठास पैदा करने वाला पदार्थ फ्रक्टोज है, जिसमें चीनी से आधी मिठास होती है. यह हमें फलों और शहद से प्राप्त होता है. ग्लूकोज, माल्टोज, लैक्टोज आदि कुछ दूसरे मिठास पैदा करने वाले पदार्थ है, जो हमें प्रकृति से मिलते हैं. ये सभी चीनी…

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अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन (AHA) ने शरीर को स्वस्थ बनाए रखने के लिए पुरुषों और महिलाओं के लिए दैनिक  एडेड शुगर या चीनी (Added Sugar) की मात्रा निर्धारित की है। पुरुषों को प्रतिदिन 37.5 ग्राम या 9 चम्मच से अधिक एडेड शुगर (जिसमें 150 कैलोरी होती है) का सेवन नहीं करना चाहिए। महिलाओं को प्रतिदिन 25 ग्राम या 6 चम्मच से अधिक एडेड शुगर (जिसमें 100 कैलोरी होती है) का सेवन नहीं करना चाहिए। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि यह केवल एडेड शुगर के लिए अनुशंसित मात्रा है। इसमें प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाली शर्करा (शुगर), जैसे कि फलों,…

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विटिलिगो (Vitiligo): त्वचा का रंग छीनने वाली बीमारीविटिलिगो एक त्वचा रोग है जो शरीर के विभिन्न भागों में मेलेनिन (Melanin) के नष्ट होने के कारण सफेद धब्बे बना देता है। यह किसी भी उम्र, लिंग या जाति के व्यक्ति को प्रभावित कर सकता है, लेकिन यह 20 वर्ष से कम आयु के लोगों में सबसे आम है। यह एक गंभीर बीमारी नहीं है, लेकिन यह निश्चित रूप से सामाजिक और भावनात्मक रूप से चुनौतीपूर्ण हो सकती है। यदि आपको लगता है कि आपको विटिलिगो हो सकता है, तो डॉक्टर से सलाह लेना महत्वपूर्ण है। विटिलिगो के लक्षण विटिलिगो के कारण…

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लगभग 600 किस्म के समुद्री जीव ऐसे हैं, जिनके शरीर से प्रकाश पैदा होता है. इनसे पैदा होने वाले प्रकाश को जैविक-संदीप्ति (Bio- Luminescence) कहते हैं. संदीप्ति पैदा करने वाले समुद्री जीवों में मुख्यतः प्रोटोजोआ कोइलेट्रेट्स, पोलीकेक्ट्स, मौलस्क्स, क्रुस्टासींस तथा मछलियों के समूह आते हैं. समुद्रों में पाए जाने वाले बहुत से बैक्टीरिया, जैली फिश (Jelly Fish) स्पोजेंज (Sponges), मक्खियां और केंचुए भी प्रकाश पैदा करते हैं.  विभिन्न समुद्री जीव प्रकाश कैसे पैदा करते हैं? मछलियों तथा दूसरे समुद्री जीवों के गहन अध्ययन से पता चला है कि इन जंतुओं में प्रकाश का उत्सर्जन जटिल रासायनिक क्रियाओं के फलस्वरूप होता…

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जब झीलों या तालाबों की ऊपरी सतह बर्फ के रूप में जम जाती है तब भी निचली सतहों पर पानी नहीं जमता और इसीलिए उसके नीचे जीव जीवित अवस्था में बने रहते हैं ठंडे प्रदेशों में जब वातावरण का तापमान 0° सैल्सियस से कम हो जाता है, तो वहां के तालाबों, झीलों और नदियों का पानी जम जाता है. इस जमे हुए पानी में रहने वाले जीव-जंतु मरते नहीं हैं, इन्हें देखकर हमें आश्चर्य होता है कि ये बर्फ में जिन्दा कैसे रहते हैं. वास्तविकता तो यह है कि इन प्रदेशों में झीलों, तालाबों आदि में पानी की केवल ऊपरी…

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सैप्रोफाइट ऑरकिडस अपना भोजन मृत जीव-जंतुओं के शवों से प्राप्त करते हैं समस्त जंतु वर्ग अपने भोजन के लिए दूसरे जंतुओं पर या पौधों पर निर्भर रहता है. अधिकांश पौधे अपना भोजन प्रकाश संश्लेषण (Photosynthesis) क्रिया से स्वयं ही बनाते हैं. परंतु बहुत से पौधे ऐसे भी हैं, जो क्लोरोफिल के अभाव में अपना भोजन स्वयं नहीं बना पाते, इसलिए वे अपना भोजन दूसरे पौधों से या मरे हुए जीव-जंतुओं से प्राप्त करते हैं. जो पौधे मृत पशुओं से भोजन प्राप्त करते हैं, सैप्रोफाइट (Saprophytes) कहलाते हैं और वे जो दूसरे पौधों से भोजन लेते हैं, पैरासाइट (Parasites) कहलाते हैं.…

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