Author: Shailja Dubey

"पत्रकारिता का मुख्य काम है, लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को संदर्भ के साथ इस तरह रखना कि हम उसका इस्तेमाल लोगों को सही दिशा देने में कर सकें।" इसी उद्देश्य के साथ मैं पिछले 5 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम कर रही हूं। मुझे डिजिटल से लेकर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का अनुभव है। मैं कॉपी राइटिंग, वेब कॉन्टेंट राइटिंग करना जानती हूं। अभी मैं दैनिक अपडेट, मनोरंजन, सामान्य ज्ञान और जीवनशैली समेत अन्य विषयों पर काम कर रही हूं।

हर माता-पिता अपने बच्चे का सबसे अच्छा भविष्य चाहते हैं। आजकल, इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए एक और विकल्प सामने आया है – गर्भनाल बैंकिंग। आपने कभी सोचा है कि जो गर्भनाल या अम्बिलिकल कॉर्ड (umbilical cord) जन्म के बाद काटकर फेंक दी जाती है, उसमें इतनी ताकत छिपी हो सकती है? हार्वर्ड हेल्थ के अनुसार, गर्भनाल में मौजूद खून में हेमटोपोइएटिक स्टेम सेल्स होते हैं। ये सेल्स 80 से अधिक बीमारियों, जैसे कि कैंसर, इम्यून डिसऑर्डर और जेनेटिक रोगों का इलाज करने में सक्षम हैं। गर्भनाल बैंकिंग क्या है?गर्भनाल बैंकिंग में जन्म के तुरंत बाद गर्भनाल से…

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इस लेख में उत्तर प्रदेश के मंत्री नंद गोपाल नंदी के बेटे और बहू के आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर हुए सड़क हादसे के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई है।

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मुंह से आने वाली बदबू विभिन्न बीमारियों का संकेत हो सकती है। जानें किस प्रकार की बदबू कौनसी बीमारी का संकेत देती है और समय पर उपचार से कैसे करें बचाव।

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क्या ज़्यादा दौड़ने से घुटने खराब होते हैं? जानिए अमेरिकी ऑर्थोपेडिक सर्जन डॉ. क्रिस्टोफर बून और उनकी टीम के शोध के नतीजे, जो बताते हैं कि दौड़ना घुटनों के लिए कैसे फायदेमंद हो सकता है।

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साबुन की गुणवत्ता मापने का एक प्रमुख पैमाना है TFM अर्थात टोटल फैटी मटेरियल (Total Fatty Material)। TFM दरअसल साबुन में मौजूद वसा पदार्थों की कुल मात्रा को दर्शाता है। ये वसा पदार्थ, जैसे कि पाल्मिटिक एसिड, स्टीरिक एसिड, ओलीक एसिड और सोडियम ऑलेट, साबुन की सफाई क्षमता को बढ़ाते हैं। उच्च TFM वाले साबुन आम तौर पर अधिक प्रभावी होते हैं और त्वचा को अधिक कोमल बनाते हैं। इसलिए, साबुन खरीदते समय TFM पर ध्यान देना बेहद जरूरी है।

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हम जानते हैं कि हमारी धरती का लगभग 71 प्रतिशत भाग समुद्रों के पानी से ढका है. संसार के तीन प्रमुख महासागर हैं अटलांटिक महासागर (Atlantic Ocean), प्रशांत महासागर और हिंद महासागर. कुछ लोग आर्कटिक सागर और एन्टार्कटिक सागरों को भी महासागरों की श्रेणी में लाते हैं. लेकिन वास्तव में आर्कटिक सागर अटलांटिक सागर का ही हिस्सा है और एन्टार्कटिक सागर दूसरे समुद्रों के दक्षिणी भागों से मिलकर बना है. अटलांटिक महासागर जल का अथाह विस्तार है, जो यूरोप और अफ्रीका को अमेरिका से अलग करता है. इसका आकार बीच में से पिचके हुए गिलास की तरह है. अफ्रीका और…

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आम अनुभव की बात है कि जब हम किसी भवन यकी तीसरी या चौथी मंजिल तक सीढ़ियों द्वारा चढ़कर जाते हैं, तो सांस फूलने लगती है, लेकिन उतरते समय ऐसा नहीं होता. किसी भारी वस्तु को उठाकर ऊपर रखने में हमें जोर लगाना पड़ता है, इसी प्रकार जब हम किसी पहाड़ पर चढ़ते हैं, तो जल्दी ही हमारी सांस फूल जाती है, लेकिन पहाड़ से उतरते समय ऐसा नहीं होता. क्या आप जानते हो कि ऐसा क्यों होता है? हम जानते हैं कि हमारी धरती अपने गुरुत्व बल के द्वारा प्रत्येक वस्तु को अपने केंद्र की ओर खींचती है. धरती…

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अंतरिक्ष यान में जाने वाले व्यक्ति भारहीनता (Weightlessness) का अनुभव करते हैं. अंतरिक्ष यान में जो भी चीज बंधी हुई या जुड़ी हुई नहीं होती, वह तैरने लगती है. अंतरिक्ष यात्रियों (Astronauts) को खाने-पीने के लिए विशेष प्रकार के उपकरणों का उपयोग करना आवश्यक होता है. अंतरिक्ष यान के अंदर रहने वालों को किसी भी प्रकार की गति करते हुए (जैसे चालते-फिरते या उठते बैठते) अपनी शक्ति पर नियंत्रण रखना पड़ता है, नहीं तो वे अंतरिक्ष यान की दीवारों अथवा उपकरणों से टकरा जायें, सोते समय भी अंतरिक्ष यात्री अपने शरीर को एक ही जगह नहीं टिकाये रख पाते. इसलिए…

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आवनमंडल (lonosphere) हमारे वायुमंडल का वह ऊपरी हिस्सा है, जिसमें इलेक्ट्रोन और आयन कण भारी संख्या में उपस्थित हैं. आयनमंडल धरती की सतह से 50 किमी. की ऊंचाई से लेकर 500 किमी. की ऊंचाई तक फैला हुआ है. जब 30 मैगाहर्ट्ज से कम आवृत्ति की रेडियो तरंग आयनमंडल से टकराती है, तो यह इसके द्वारा परावर्तित हो जाती है. यह परार्वतन ठीक उसी प्रकार का होता है, जैसे प्रकाश की किरण का दर्पण द्वारा होता है. इस परावर्तित तरंग को पृथ्वी पर रेडियो द्वारा पुनः प्राप्त किया जा सकता है. वास्तविकता तो यह है कि समस्त धरती पर शॉर्ट वेव…

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प्राचीन काल से ही मनुष्य समुद्र की तलहटी के विषय में जानने सेका इच्छुक रहा है. हजारों साल तक वह थोड़े समय के लिए गोता लगाकर यह जानने का प्रयत्न करता रहा कि समुद्रों, झीलों और नदियों की तलहटी कैसी है और वहां क्या मिलता है? इन गहराइयों में वह अधिक देर तक नहीं रुक पाता था, क्योंकि उसके पास पानी के अंदर सांस लेने का कोई साधन नहीं था. लेकिन आज ऐसे तरीके विकसित कर लिए गए हैं, जिनको प्रयोग में लाकर वह पानी के अंदर सांस ले सकता है और अधिक देर तक ठहर कर समुद्र तल के…

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