Author: Shailja Dubey

"पत्रकारिता का मुख्य काम है, लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को संदर्भ के साथ इस तरह रखना कि हम उसका इस्तेमाल लोगों को सही दिशा देने में कर सकें।" इसी उद्देश्य के साथ मैं पिछले 5 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम कर रही हूं। मुझे डिजिटल से लेकर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का अनुभव है। मैं कॉपी राइटिंग, वेब कॉन्टेंट राइटिंग करना जानती हूं। अभी मैं दैनिक अपडेट, मनोरंजन, सामान्य ज्ञान और जीवनशैली समेत अन्य विषयों पर काम कर रही हूं।

सूर्य के रंगहीन प्रकाश को यदि किसी प्रिज्म में से गुजारा जाए तो यह सात रंगों में विभाजित हो जाता है, ये सात रंग हैं- बैंगनी, जामुनी, नीला, हरा, नारंगी और लाल. सात रंगों की इस पट्टी को वर्णक्रम या स्पैक्ट्रम कहते हैं. प्रकाश की ये किरणें तरंगों के रूप में यात्रा करती हैं. इन तरंगों को विद्युत-चुंबकीय तरंगें कहते हैं. ये तरंगें कंपनों के फलस्वरूप पैदा होती हैं. प्रत्येक रंग की अलग- अलग आवृत्ति (Frequency) होती है. आवृत्ति को हर्ट्ज (Hertz) इकाई में मापा जाता है. यदि कोई वस्तु एक सेकेंड में एक कंपन करती है, तो उसकी आवृत्ति…

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पनामा नहर के कारण अमेरिका के एक समुद्र तट से दूसरे तट तक की दूरी में 8,000 नाटिकल मील की कमी हो गई है पनामा और स्वेज नहर संसार के दो प्रसिद्ध कृत्रिम जालमार्ग हैं. इन दोनों में पनामा नहर अधिक महत्वपूर्ण है. यह एक अंतरसागरीय जलमार्ग है, जो अंधमहासागर और प्रशांत महासागर को एक दूसरे से जोड़ता है. पनामा नहर लगभग 82 किमी. (51 मील) लंबी है. यह संयुक्त राज्य अमेरिका के अधिकार में है और इसका संचालन इसी देश के द्वारा होता है. नहर के दोनों सिरों पर छोटे सागरीय स्तर के दो भाग हैं, जहाजों को समुद्री…

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कन्फ्यूशियस (551-479 ईसा पूर्व) प्राचीन चीन का एक महान विचारक और नैतिक गुरु थे आज से ढाई हजार वर्ष पूर्व जब महात्मा बुद्ध और जैन तीर्थंकर महावीर अपने-अपने धर्मसूत्रों का प्रचार भारत में कर रहे थे, लगभग उसी काल में, संत कन्फ्यूशियस चीन में धर्म की पुनर्स्थापना करने का प्रयास कर रहे थे. इसे एक विडंबना ही माना जाएगा कि जहां जैन और बौद्ध धर्म को भारत में तत्काल मान्यता प्राप्त हुई, कन्फ्यूशियस के धर्म को मान्यता लगभग 500 वर्ष बाद मिली. कन्फ्यूशियस अपने समय के महान नैतिकवादी विचारक और समाज-सुधारक थे. विश्व के चोटी के दार्शनिकों में उनकी गणना…

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चंद्रगुप्त मौर्य और मौर्य साम्राज्य के बारे में जानें, जो भारत का पहला शक्तिशाली साम्राज्य था। आचार्य चाणक्य और अशोक महान जैसे महान व्यक्तियों के योगदान के बारे में भी जानें।

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आज कल बाजार में मिलने वाले मसलों का शुद्ध होने पर विश्वास करना बडा मुुश्किल है हम आपको कुछ ऐसे घरेलू तरीके बता रहे हैं जिससे आप खुद से मसलों की शुद्धता की जांच कर सकते हैं: हल्दी पाउडर शुद्ध हल्दी हल्के पीले रंग की होती है। अगर हल्दी पाउडर को पानी में डालने पर उसका रंग जल्दी गायब हो जाए, तो वह मिलावटी हो सकती है। धनिया पाउडर अगर धनिया पाउडर से खुशबू नहीं निकलती, तो इसमें मिलावट हो सकती है। असली धनिया की महक काफी तेज होती है। लाल मिर्च पाउडर लाल मिर्च पाउडर में अगर डाई कलर,…

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मध्य प्रदेश अपनी ऐतिहासिक संस्कृति व ऐतिहासिक खजानों में भी भारत के सबसे समृद्ध राज्यों में से एक है। मध्य प्रदेश में भारतीय ऐतिहासिक संस्कृति के अनेक अवशेष, जिनमें पाषाण चित्र और पत्थर व धातु के औजार शामिल हैं, नदियों, घाटियों और अन्य इलाकों में मिले हैं। वर्तमान मध्य प्रदेश का सबसे प्रारम्भिक अस्तित्वमान राज्य अवंति था, जिसकी राजधानी उज्जैन थी। इसी तरह भारत का इतिहास, मध्य प्रदेश से बहुत मजबूती से जुड़ा हुआ है। चलिए आज हम मध्य प्रदेश के उन्हीं इतिहास से जुड़े किलों की समृद्धि की झलक देखते हैं, जिनकी वजह से भारत का इतिहास पूरी दुनिया…

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18 वीं शताब्दी में भारत का स्वतंत्र राज्य 1818 से 1947 तक भारत की रियासत 1949 से 1956 तक भारतीय राज्य घने जगलों 1956 में मप्र की राजधानी 1972 में सीहोर से अलग हो स्वतंत्र जिला बना। भोपाल, लंबे समय तक महाकौतार का हिस्सा था, जो घने जगलों और पहाड़ियों से घिरा था। जो नर्मदा द्वारा उत्तर, दक्षिण से उत्तर से अलग करते हुए रेखांकित है। यहां दसवीं शताब्दी में राजा भोज, उनके बाद गौरी, गौंड और भोपाल के नवाबों के कब्जे में रहा। 18 वीं शताब्दी में अंग्रेजों से समझौते के बाद इसका अलग संविधान बना। आजादी के दो…

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मध्य प्रदेश संस्कृति, साहित्य, शौर्य, वीरता व भक्ति से समृद्ध है। प्रदेश की मिट्टी में कई महान राजाओं, साहित्यकारों व विद्वानों ने जन्म लिया और मध्य प्रदेश का नाम विश्व पटल में रोशन किया है। मध्य प्रदेश में साहित्य अति प्राचीन काल से फलता फूलता रहा है। यहां के साहित्य ने न केवल रचना काल बल्कि भविष्य की पीढ़ियों को जीवन जीने की राह दिखाई है। प्राचीन काल के अलावा भी मध्य प्रदेश में कई श्रेष्ठ कवियों का जन्म हुआ, जिन्होंने अपनी रचनाओं से जनमानस को दिशा दिखाई। इन कवियों की रचनाओं में प्रदेश की संस्कृति, कला, वीरता और भक्ति…

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पूर्व-उत्तर भारत की सात बहनों की पड़ोसन सिक्किम कुदरत की एक अनोखी देन है। ऊंची-ऊंची पर्वत श्रृंखला, नदियों में दूर-दूर तक दिल्ली स्फटिक की तरह झक सफेद बर्फ की चादर, आवारा घूमते बादल, पेड़ और हरीतिमा की चादर ओढ़े पर्वत, पहाड़ की ऊंचाई से झर-झर झरता झरना, किसी नागिन-सी बलखाती नदी की टेढ़ी-मेढ़ी धारा सिक्किम को वह प्राकृतिक सौंदर्य प्रदान करता है जो दिलो-दिमाग को सुकून पहुंचा दे। प्रकृति ने सिक्किम को ऐसा रूप दिया है कि इसे ‘पृथ्वी का स्वर्ग कहा जाता है। सिक्किम की राजधानी गंगटोक के निकटतम हवाई अड्डा बागडोगरा से सड़क मार्ग द्वारा गंगटोक जाने की…

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आर्यों का मूल निवास स्थान आर्यों के भारत आगमन के साथ भारतीय इतिहास में नया मोड़ आया।‌ ऋग्वेद में ‘दक्षिणापथ’ और ‘रेवांतर’ शब्दों का प्रयोग किया गया।इतिहासकार डैवर के मत से आयाँ को नर्मदा और उसके प्रदेश की जानकारी थी।‌ आर्य पंचनद प्रदेश (पंजाब) से अन्य प्रदेश में गए। महर्षि अगस्त (Maharishi Agastya Muni) के नेतृत्व में यादवों का एक कबीला इस क्षेत्र में आकर बस गया। इस तरह इस क्षेत्र का आयीकरण प्रारंभ हुआ।‌ शतपथ ब्राहम्ण के अनुसार विश्वामित्र के 50 शापित पुत्र यहां आकर बसे। कालांतर में अत्रि, पाराशर, भारद्वाज, भार्गव आदि भी आए। लोकमान्य तिलक तथा स्वामी दयानंद ने…

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