Author: Shailja Dubey

"पत्रकारिता का मुख्य काम है, लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को संदर्भ के साथ इस तरह रखना कि हम उसका इस्तेमाल लोगों को सही दिशा देने में कर सकें।" इसी उद्देश्य के साथ मैं पिछले 5 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम कर रही हूं। मुझे डिजिटल से लेकर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का अनुभव है। मैं कॉपी राइटिंग, वेब कॉन्टेंट राइटिंग करना जानती हूं। अभी मैं दैनिक अपडेट, मनोरंजन, सामान्य ज्ञान और जीवनशैली समेत अन्य विषयों पर काम कर रही हूं।

मोटरगाड़ी एक अपने आप आगे बढ़ने वाली गाड़ी है. पेट्रोल, डीजल या विद्युत धारा इंजन (Engine) को चलने के लिए बल प्रदान करती है. मोटरगाड़ियों के वे इंजन, जिनमें पेट्रोल या डीजल ईंधन के रूप में प्रयोग होता है, अंतर-दहन इंजन कहलाते हैं. अंतर-दहन इंजन वे इंजन हैं, जिनके सिलेंडर के अंदर ही ईंधन जलता है. विद्युत इंजन में एक मोटर और गीयर बॉक्स होता है. मोटर को शक्ति बैटरी से प्राप्त होती है. अधिकतर मोटरगाड़ियों में शक्ति-स्रोत के रूप में पेट्रोल इंजन प्रयोग में लाया जाता है. कुछ गाड़ियों में डीजल इंजन भी लगा होता है. डीजल इंजन पेट्रोल…

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शक्तिशाली विद्युत जेनरेटरों से तांबे और एल्युमिनियम के तारों द्वारा हम अपने घरों, फैक्टरियों, स्कूलों और गोदामों आदि में बिजली पहुंचाते हैं. विद्युत घरों में कोयला जलाकर या ऊंचाई से पानी गिराकर या नाभिकीय क्रियाओं द्वारा बिजली बनाई जाती है. विद्युत-घर आमतौर पर उन स्थानों पर बनाए जाते हैं, जहां बिजली पैदा करना सस्ता पड़ता है. इन विद्युत-घरों से ही तारों द्वारा बिजली हमारे शहरों और गांवों तक भेजी जाती है. आमतौर पर विद्युत-संचरण के लिए दो तारों की आवश्यकता होती है. बिजली तारों द्वारा एक स्थान से दूसरे स्थान तक कैसे जाती है? विद्युत का क्षय रोकने के लिए…

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कार, बस या ट्रक का गति (वेग) ज्ञात करने के लिए जो यंत्र प्रयोग होता है, उसे वेगमापी (Speedo-meter) कहते हैं. सभी मोटरगाड़ियों में यह यंत्र चालक के सामने पेनल पर लगा होता है. यह गाड़ी का वेग किलोमीटर प्रति घंटा या मील प्रति घंटा में प्रदर्शित करता है. गाड़ी का गति यंत्र के डायल पर लगे संकेतक द्वारा प्रदर्शित होता है. डायलों पर 0 से 100 तक के अंक लिखे होते हैं. संकेतक जिस अंक तक आता है, वही मोटरगाड़ी का वेग होता है. अधिकतर वेगमापियों में एक ओडोमीटर (Odometer) भी होता है, जो गाड़ी द्वारा तय की गई…

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क्रेन (Crane) एक ऐसी मशीन है, जो भारी बोझ उठाने के काम आती है. यह मशीन मुख्यतौर पर भवन और पुल-निर्माण में भारी बोझों को उठाने, ऊंचाई तक पहुंचाने और इधर-उधर खिसकाने के काम आती है. इस मशीन की बनावट लंबी गर्दन वाले सारस (Crane) पक्षी से मिलती है, इसीलिए इसका नाम क्रेन रखा गया. यद्यपि क्रेन का इस्तेमाल प्राचीन काल से ही होता आ रहा है, लेकिन इसका आम इस्तेमाल 19वीं शताब्दी में भाप के इंजन, पेट्रोल-इंजन तथा विद्युत मोटरों के विकास के बाद ही हुआ. मूलरूप से क्रेन दो प्रकार की होती हैं: 1. स्थिर तथा 2. गतिशील.…

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सापेक्षिता का सिद्धांत (Theory of Relativity) से वस्तुओं की गति से संबंध रखता है. संक्षेप में यह सिद्धांत निरपेक्ष गति तथा निरपेक्ष त्वरण के अस्तित्व की असंभावना स्थापित करता है. इस सिद्धांत का प्रतिपादन 20वीं सदी के आरंभ में जर्मनी के प्रसिद्ध वैज्ञानिक अलबर्ट आइंस्टीन (Albert Einstein) ने किया था. इस के दो पक्ष हैं. पहले पक्ष को विशिष्ट सिद्धांत (Special Theory of Relativity) कहते हैं. यह सन् 1905 में प्रतिपादित किया गया था. दूसरे पक्ष का व्यापक सिद्धांत (General Theory of Relativity) कहते हैं. यह सन् 1915 में प्रतिपादि किया गया था. सापेक्षिता का विशिष्ट सिद्धांत वस्तुओं की गति…

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बाइनाकुलर दूर की वस्तुओं को बड़े आकार में दिखाने वाला यंत्र है, इसमें दोनों आंखों से देखा जाता है बाइनाकुलर्स (Binoculars) या दूरबीन एक प्रकार के दूर- बा दर्शियों का जोड़ा होता है, जो एक ही फ्रेम में लगा रहता है. यह दूर की वस्तुओं को नजदीक और आवर्द्धित करके दिखाता है. बाइनाकुलर्स में लगे दोनों दूरदर्शी एक जैसे होते हैं और प्रत्येक दूरदर्शी एक आंख के लिए होता है. प्रत्येक दूरदर्शी एक कीप के आकार की नली जैसा होता है. इसमें एक अभिदृश्यक लेंस और एक नेत्रिका लेंस होता है. अभिदृश्यक लेंस वस्तु की ओर रखा जाता है और…

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पेट्रोल ऊर्जा का एक अत्यंत महत्वपूर्ण स्रोत होने और बहुत तरह के कार्यों में इस्तेमाल होने के कारण पूरे संसार आज सबसे अधिक आवश्यक वस्तु बन गया है. लेकिन क्या आपको पता है कि पेट्रोल क्या है और इसका उत्पादन कैसे किया जाता है? पेट्रोल, हाइड्रोकार्बन (Hydrocarbon) का एक पेंचीदा मिश्रण है जो कि भूमि के नीचे से कुंआ खोद कर निकाला जाता है. यह प्रायः द्रव या गैस के रूप में मिलता है. वैज्ञानिकों द्वारा कहा जाता है कि हजारों-लाखों वर्ष पूर्व पृथ्वी के जो पेड़-पौधे और जीवधारी दलदल के नीचे दब गए थे. उन्होंने धरती के दबाव तथा…

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अम्ल (Acid) या तेजाब ऐसे पदार्थ हैं, जिनका स्वाद खट्टा होता है, तथा ये नीले लिटमस को लाल कर देते हैं. कुछ धातुओं के साथ क्रिया करके ये हाइड्रोजन गैस बनाते हैं. क्षारों के साथ क्रिया करके ये लवण बनाते हैं. अम्ल मुख्य रूप से दो प्रकार के होते है: अकार्बनिक अम्ल और कार्बनिक अम्ल. कार्बनिक अम्लों में विशेषकर कार्बन होता है और अकार्बनिक अम्लों में कार्बन नहीं होता. कोई भी अम्ल पानी में घुलने पर हाइड्रोजन आयन पैदा करता है. नमक गंधक और शोरे के अम्ल अकार्बनिक अम्लों की श्रेणी में आते हैं. ये बहुत ही तेज अम्ल हैं.…

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मिस्र की राजधानी काहिरा (Cairo Capital of Egypt) से लगभग 12 किमी. की दूरी पर, रेगिस्तान में स्फिंक्स (egyptian sphinx) की विशाल मूर्ति विराजमान है. ऐसा लगता है, जैसे यह गीजा के तीन पिरामिडों (3 pyramids of giza) की चौकीदारी कर रही हो. एक समय था, जब यह केवल चट्टान थी और गीजा के पिरामिडों के निर्माण के समय इसे चट्टान के रूप में ही छोड़ दिया गया था. बाद में शिल्पकारों ने इसे शेर की मूर्ति के रूप में तराश कर तैयार किया. इसका सिर आदमी के सिर के समान है. इसकी आंखें अत्यंत रहस्यपूर्ण हैं. यह रेगिस्तान की ओर…

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सूर्य के रंगहीन प्रकाश को यदि किसी प्रिज्म में से गुजारा जाए तो यह सात रंगों में विभाजित हो जाता है, ये सात रंग हैं- बैंगनी, जामुनी, नीला, हरा, नारंगी और लाल. सात रंगों की इस पट्टी को वर्णक्रम या स्पैक्ट्रम कहते हैं. प्रकाश की ये किरणें तरंगों के रूप में यात्रा करती हैं. इन तरंगों को विद्युत-चुंबकीय तरंगें कहते हैं. ये तरंगें कंपनों के फलस्वरूप पैदा होती हैं. प्रत्येक रंग की अलग- अलग आवृत्ति (Frequency) होती है. आवृत्ति को हर्ट्ज (Hertz) इकाई में मापा जाता है. यदि कोई वस्तु एक सेकेंड में एक कंपन करती है, तो उसकी आवृत्ति…

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