माइक्रोफोन (Microphone) एक ऐसा यंत्र है, विद्युत-संकेतों में जो ध्वनि तरंगों को बदल देता है. ये संदेश फिर दूर स्थानों तक संचरित किए जा सकते हैं और दूर स्थान पर फिर इन्हें ध्वनि तरंगों में परिवर्तित किया जा सकता है. रेडियो और टेलीविजन केंद्रों पर संदेश संचरण व्यवस्थाओं में माइक्रोफोनों को प्रयोग किया जाता है. इनके द्वारा ध्वनि-संदेशों को विद्युत धारा में बदलकर दूरस्थ स्थानों तक संचरित किया जाता है. जनता को भाषण देने वाली पद्धतियों तथा सिनेमाघरों में भी माइक्रोफोनों से यही काम लिया जाता है. क्या आप जानते हो की माइक्रोफोन ध्वनि को विद्युत तरंगों में कैसे बदल…
Author: Shailja Dubey
मनुष्य हजारों वर्षों से साबुन और पानी को धुलाई के लिए इस्तेमाल करता आ रहा है. सबसे पहले साबुन लगभग 5000 वर्ष पहले मध्य-पूर्वी देशों में बनाया गया था. साबुनरहित डिटर्जेंटों का आविष्कार बहुत पुराना नहीं हैं. विश्लेषित डिटर्जेंट का आविष्कार सन् 1916 में हुआ था. तब से साबुनरहित डिटर्जेंटों का निर्माण पेट्रोकेमीकल उद्योग का एक मुख्य अंग बन गया इनके विकास के साथ कपड़े धोने के नये तरीकों के विकास में भी क्रांतिकारी परिवर्तन हुए हैं. सूखी धुलाई भी इन तरीकों में से एक है. ड्राइक्लीनिंग (Dry-cleaning) कैसे की जाती है ? ड्राइक्लीनिंग कपड़े धोने का ऐसा तरीका है,…
माचिस (Matchbox) की तीलियां लकड़ी या कार्डबोर्ड के मोम लगे कागज से बनाई जाती है, टुकड़ों या जिनके एक सिरे पर कुछ ज्वलनशील पदार्थों का मिश्रण लगा होता है. इन्हें आग पैदा करने के लिए प्रयोग में लाया जाता है. माचिस की तीली के मसाले लगे सिरे को जब किसी खुरदरी सतह या माचिस के रसायन लगे तल से रगड़ा जाता है, तो एकदम आग पैदा होती है, जिससे तीली जल उठती है. क्या आप जानते हो कि माचिस की तीली के सिरे पर कौन से पदार्थ प्रयोग में लाए जाते हैं? माचिस उद्योग में लाल फासफोरस सबसे अधिक प्रयोग…
आज की दुनिया 100 वर्ष तो क्या 50 वर्ष पहले तक की दुनिया से अधिक चमकीली और रंगीन दिखाई देती है. इस रंगीनी का कारण विभिन्न प्रकार के रंगों का विकास है. रंगों के विकास के कारण ही आज हमें अनेक रंगों के कपड़े देखने को मिलते हैं. क्या आप जानते हैं कि ये रंग क्या हैं और कैसे बनाए जाते हैं? पिछली शताब्दी के मध्य तक हमारे उपयोग के लिए कुछ ही रंग उपलब्ध थे. ये रंग पौधों और फूलों से प्राप्त होते थे. उस समय तक नील के पौधे से नीला रंग प्राप्त किया जाता था. मैडर नाम…
थर्मामीटर (thermometer) तापमान मापने का एक बहुत उपयोगी उपकरण है. डॉक्टर इसके द्वारा शरीर का तापमान मापते हैं. वैज्ञानिक इसकी सहायता से रासायनिक क्रियाओं, ठोस पदार्थों के पिघलने (गलनांक) और द्रवों के उबलने (क्वथनांक) का तापमान ज्ञात करते हैं. इन्हीं के द्वारा वायुमंडल और कमरे का तापमान भी मापा जाता है. क्या तुम जानते हो कि विभिन्न कार्यों में आने वाले ये धर्मामीटर कितने प्रकार के होते हैं? विभिन्न कामों में आने वाले धर्मामीटरों को हम निम्न वर्गों में बांट सकते हैं:-1. द्रवयुक्त कांच के थर्मामीटर2. द्विधातुक पट्टी थर्मामीटर 3. विद्युत थर्मामीटर4. गैस थर्मामीटर 1. द्रवयुक्त कांच के थर्मामीटर: इन…
रात्रि के अंधकार में आकाश में असंख्य तारों की छटा बड़ी ही मनमोहक लगती है. आकाश के इन तारों की चमक तथा आकार अलग-अलग होता है. ध्यान से देखने पर पता चलता है कि इन तारों का रंग भी अलग अलग है. सूर्य भी एक तारा है. सूर्य और तारों का तापमान किस प्रकार मापा जाता है? तारों का तापमान ज्ञात करने के कई तरीके हैं. तारों के रंगों के आधार पर उनके तापमान का काफी हद तक सही अनुमान लगाया जा सकता है. सामान्य तौर पर तारों का रंग लाल, संतरी, पीला, सफेद और नीला होता है. लाल रंग…
वीडियो टेप या रिकार्डर कई तरीके से आम टेप रिकार्डर से मिलता-जुलता है. दोनों में अंतर यह है कि आम टेप-रिकार्डर ध्वनि को आरेखित करता है, तथा पुनः पैदा करता है, जबकि वीडियो टेप रिकार्डर ध्वनि तथा चित्र दोनों का ही लेखा-जोखा करता है. इसे बी.सी.आई. (वीडियो कैसेट रिकार्डर) भी कहते हैं. बाजार में वी. सी. पी. (वीडियो कैसेट प्लेयर) भी मिलता है जिसके द्वारा वीडियो कैसेट की फिल्म को देखा सुना जा सकता है. पर टी. वी. का कोई कार्यक्रम रिकार्ड नहीं किया जा सकता. वी.सी. आर. आमतौर पर टेलीविजन प्रोग्रामों को रिकार्ड करने के लिए प्रयुक्त होता है.…
महाकवि कालिदास भारत के महानतम कवि और नाटककार थे. संस्कृत भाषा में इनकी बराबरी करने वाला दूसरा कोई भी कवि अब तक नहीं हुआ है. इनकी तुलना आमतौर पर इंग्लैंड के महान नाटककार और कवि शेक्सपीयर (Shakespeare) से की जाती है. कालिदास की रचनाएं विश्व भर में प्रसिद्ध हैं. कालिदास जीवन परिचय (Kalidas Biography in Hindi) कालिदास के बचपन तथा मां-बाप के विषय में बहुत कम जानकारी उपलब्ध है. एक मत यह है कि छठी शताब्दी में कुमारदास के राज्यकाल में लंका में इनका देहांत हुआ था. एक किंवदंती के अनुसार कालिदास उज्जैन के राजा विक्रमादित्य के दरबार के नवरत्नों…
पेरिस्कोप (Periscope) एक ऐसा दूरवीक्षक यंत्र है जो अपारदर्शी परदों के पीछे छिपी वस्तुओं को देखने के काम आता है. इसका उपयोग जल और थल युद्ध और पनडुब्बियों में है. इसके द्वारा सैनिक समुद्र के अंदर से कवच या बख्तर (बंदगाड़ी) में से धरती पर होते हुए युद्ध का या अपने चारों तरफ के वातावरण को देख सकते हैं. इसके द्वारा पनडुब्बियों में से समुद्री लड़ाई को देखा जा सकता है. युद्ध में यह बहुत ही उपयोगी यंत्र है. पेरिस्कोप किस सिद्धांत के अनुसार काम करता है? यह यंत्र दो समानांतर समतल दर्पणों से प्रकाश के परावर्तन के सिद्धांत पर…
क्वाईज (Quartz) प्रकृति से सबसे अधिक मात्रा में मिलने वाला खनिज पदार्थ है. अधिकतर चट्टानें इसी से बनी हैं. यह शुद्ध कायांतरित और तलछटी चट्टानों का मुख्य हिस्सा है. यह वास्तव में सिलिकान (Silicon) और आक्सीजन का विशेष यौगिक है. शुद्ध क्वार्ट्ज में सिलिका और सिलिकान डाइआक्साइड होते हैं. क्वार्ट्ज देखने में कांच की तरह पारभासी होता है. यह बिल्कुल कांच जैसा लगता है. और कांच की भांति ही भुरभुरा होता है, लेकिन यह कांच से सख्त होता है और इसके पिघलने का तापमान भी कांच से बहुत अधिक होता है. इसे कांच की तरह पिघलाकर नलिकाएं, चादरें और चौकोर…