Author: Nishpaksh Mat Team

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राजस्थान की भौगोलिक स्थिति प्रदेश की पश्चिमी सीमा पर पाकिस्तान, उत्तर में पंजाब, उत्तर-पूर्व में हरियाणा, पूर्व में उत्तर प्रदेश, दक्षिण-पूर्व में मध्यप्रदेश एवं गुजरात है। राज्य का अधिकांश भाग मरुस्थलीय है। यहां थार का रेगिस्तान है। वर्षा की मात्रा व समय निश्चित नहीं है। राज्य को सूखे का सामना करना पड़ता है। गर्मी में तापमान 40 से 50 डिग्री सेल्सियस एवं सर्दी में कई स्थानों पर शून्य डिग्री सेल्सियस से भी नीचे पहुंच जाता है। राजस्थान में रेगिस्तान के अलावा मैदान एवं पर्वत श्रृंखला भी हैं। ऐसा माना जाता है कि राज्य विश्व के प्राचीन भूखण्डों [1] अंगारा लैण्ड,…

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उड़ीसा की भौगोलिक स्थिति ओडिशा 17°45′ से 20°25′ अक्षांश एवं 81°25′ से 87°25′ पूर्वी देशान्तरों के बीच स्थित है। उत्तर में बिहार, पश्चिम में मध्य प्रदेश, पूर्वोत्तर में पश्चिम बंगाल, दक्षिण में आंध्र प्रदेश व पूर्व में बंगाल की खाड़ी से घिरा हुआ है। यहां मीठे व खारे पानी की झीलें हैं। चिलका झील उनमें से एक है, जो करीब 11 वर्ग कि.मी. क्षेत्र में फैली है। कई क्षेत्रों में अधिक तो कहीं न्यून वर्षा होती है। इससे प्रदेश में बाढ़ एवं सूखे की स्थिति बनी रहती है। यहां ब्राह्मणी, महानदी एवं वैतरणी नदियां भी हैं। उड़ीसा की ऐतिहासिक स्थिति…

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पंजाब की भौगोलिक स्थिति भौतिक दृष्टि से पंजाब को दो भागों में विभाजित किया जा सकता है। [1] शिवालिक तराई की पट्टी, [2] सतलुज-घग्घर का मैदान, शिवालिक, धौलाघर, पीरपंजाल पर्वत हैं। यहां सिंधु, रावी, व्यास, सतलुज नदियां हैं। पंजाब की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पंजाब शब्द फारसी के दो शब्दों ‘पंज’ और ‘आब’ के साथ मिलकर बना है। पंज का मतलब है पांच और ‘आब’ का मतलब पानी है। इस प्रदेश पर यूनानी, मौर्य, कुषाण, शक, गुप्त सहित अनेक क्शा का शासन रहा। मध्यकाल में यह प्रदेश मुसलमानों के आधिपत्य में रहा। यहां गजनवी, गोरी, खिलजी, गुलाम, तुगलक, लोदी एवं मुगल वंशों…

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नागालैंड की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि नागालैंड में मूलतः नागा लोग निवास करते हैं। ये लोग जनजातीय हैं। नागा लोगों का सम्पर्क बारहवीं और तेरहवीं शताब्दी में अहोम लोगों से हुआ। उन्नीसवीं शताब्दी में यह क्षेत्र ब्रिटिश शासन के आधिपत्य में आ गया 1957 तक यह क्षेत्र नागा हिल्स ट्वेनसांग के नाम से जाना जाता रहा। 1961 में इसका नाम नागालैंड कर दिया गया। नागालैंड को 1 दिसम्बर, 1963 में विधिवत राज्य का दर्जा दे दिया गया। नागालैंड की भौगोलिक एवं आर्थिक स्थिति नागालैंड उत्तर में अरुणाचल प्रदेश, पश्चिम में असम, दक्षिण में मणिपुर एवं पूर्व से म्यांमार से घिरा हुआ है।…

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मध्य प्रदेश की भौगोलिक स्थिति मध्यप्रदेश के उत्तर में उत्तर प्रदेश, पूर्व में छत्तीसगढ़, पश्चिम में राजस्थान व गुजरात तथा दक्षिण में महाराष्ट्र से घिरा है। राज्य 21°6′ उत्तर से 26° 30′ उत्तरी अक्षांश एवं 74°9′ पूर्व से 82° 48′ पूर्वी देशान्तरों के बीच स्थित है। राज्य में ऊंचे नीचे पठार और नदियों के मैदान हैं। इसके दक्षिणी और दक्षिणी पूर्वी किनारे प्रपाती कगार है, जो पश्चिम से पूर्व की ओर क्रमशः विंध्याचल, भांडेर, कैमूर की श्रेणियों के नाम से पुकारे जाते हैं। राज्य की जलवायु मानसूनी है। प्रदेश की सीमा देश के आठ राज्यों छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, गुजरात,…

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महाराष्ट्र के भौगोलिक स्थिति महाराष्ट्र के उत्तर में गुजरात, पूर्वोत्तर में मध्य प्रदेश, दक्षिण में कर्नाटक एवं आंध्रप्रदेश तथा पश्चिम में अरब सागर है, जिसकी राज्य के साथ 720 किमी. की तटरेखा है। अरब सागर का तटीय मैदानी भाग कोंकण कहलाता है। यह करीब 720 किमी. लम्बा और 80 किमी. चौड़ा है। तटीय मैदान में धान के खेत और नारियल के बाग हैं । समुद्र तट के समानांतर सह्याद्रि या पश्चिमी घाट की श्रृंखला कोंकण के पूर्व में हैं। सह्याद्रि के पूर्व में पठारी भाग है। यहां बहने वाली प्रमुख नदियां गोदावरी, भीमा और कृष्णा हैं। ये नदियां बंगाल की…

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झारखंड की भौगोलिक स्थिति राज्य 21°51’10” से 25°19’15” उत्तरी अक्षांश एवं 83°20*50″ से 88° 4’40” पूर्वी देशान्तर के बीच स्थित है। यह राज्य पूर्व में पश्चिम बंगाल, पश्चिम में उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़, उत्तर में बिहार एवं दक्षिण में उड़ीसा से घिरा हुआ है। उत्तरी कोयल, दक्षिणी कोयल, फल्गु, सकरी, पंचाने, दामोदर, स्वर्ण रेखा, बराकर यहां की प्रमुख नदियां हैं। यहां रांची, पूर्व एवं पश्चिमी सिंहभूमि, हजारीबाग, गिरीडीह, पलामू सहित अनेक जिलों में जलप्रपात हैं। झारखंड की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि इस क्षेत्र में ब्रिटिश शासन काल के दौरान [1895-1900] बाहरी दिकू प्रजाति के लोगों के विरुद्ध बिरसा मुंडा के नेतृत्व में…

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कर्नाटक की भौगोलिक स्थिति यह प्रदेश उत्तर में महाराष्ट्र, दक्षिण में केरल एवं तमिलनाडु, पूर्व में आंध्रप्रदेश तथा पश्चिम में अरब सागर से मिलता है। राज्य 11° 30′ उत्तर से 18°30′ उत्तरी अक्षांश तथा 74° 10′ से 78° 30′ पूर्वी देशान्तर के मध्य स्थित है। प्रदेश के उत्तर दिशा में कृष्ण एवं इसकी सहायक नदियां [भीमा, घाट प्रभा, मालप्रभा, तुंग भद्रा और रेवती] दक्षिण में कावेरी एवं इसकी सहायक नदियां हेमवती, शिमशा, लक्ष्मण तीर्थ, अर्कावती और काबिनो] सहित अन्य महत्वपूर्ण नदियां हैं। यहां नीलगिरी पर्वत है। ऐतिहासिक पृष्भूमि कर्नाटक का उद्भव करूनाडू’ से हुआ है, जिसका अर्थ है- भव्य उच्च भूमि…

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मणिपुर की भौगोलिक स्थिति मणिपुर के पूर्व में म्यांमार, उत्तर में नागालैंड, पश्चिम में असम और मिजोरम, दक्षिण में म्यांमार और मिजोरम है। इसके पर्वतीय भाग में पांच एवं मैदानी भाग में चार जिले हैं।‌ यहां सारामती [3,926 मी.] पर्वत शिखर है। इस राज्य में इम्फाल, इरिल, नाम्बूल नदियां हैं। मणिपुर की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि इतिहासकारों के मतानुसार सन् 33 ई. में पारवंगा ने यहां एक बड़े राजवंश की शुरुआत की, जिसने 1891 तक मणिपुर पर शासन किया। उसके बाद मणिपुर ब्रिटिश शासन के अधीन आ गया। 15 अक्टूबर, 1949 को भारतीय संघ में भाग ‘ग’ के राज्य के रूप में…

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हरियाणा की भौगोलिक स्थिति हरियाणा 27° 30′ से 30°50′ उत्तरी अक्षांश एवं 74° 30′ से 77° 34′ पूर्वी देशान्तरों के बीच स्थित है। राज्य का मैदानी भाग उपजाऊ है। समुद्रतल से इसकी औसत ऊंचाई 700 से 900 फीट के बीच है। राज्य का दक्षिणी-पश्चिमी भाग सूखा एवं रेतीला है। इस भाग में खेती नहीं होती है। ऐतिहासिक पृष्ठभूमि हरियाणा को भरत वंश के राजाओं का स्थान कहा जाता है। हरियाणा के पानीपत नामक स्थान पर 1526 में बाबर एवं इब्राहिम लोदी के मध्य, 1556 में अकबर व हेमू के बीच तथा 1761 में मराठों व अहमदशाह अब्दाली के मध्य युद्ध…

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