Author: Nishpaksh Mat Team

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अरुणाचल प्रदेश की भौगोलिक स्थिति अरुणाचल प्रदेश एक पहाड़ी क्षेत्र है। असम के निकटवर्ती भाग में समतल मैदान की एक संकरी सी पट्टी है। राज्य के दो तिहाई भाग पर घने वन हैं। प्रदेश के पश्चिम में भूटान, उत्तर में तिब्बत एवं उत्तर-पूर्व में चीन, पूर्व में म्यांमार तथा दक्षिण में असम है। अरुणाचल प्रदेश की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि अरुणाचल प्रदेश का सम्पूर्ण क्षेत्र में प्रशासन की शुरुआत भारत की आजादी के बाद ही हुई थी। राज्य का नवीन इतिहास 24 फरवरी, 1826 को यंडाबू संधि के बाद असम में ब्रिटिश शासन लागू होने से शुरू होता है। 1962 से पूर्व…

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असम की भौगोलिक स्थिति असम 20° 30′ उत्तरी अक्षांश से 28° उत्तरी अक्षांश तथा 90°50′ पूर्वी देशान्तर से 97° 30′ पूर्वी देशान्तर के मध्य स्थित है। राज्य में सर्वाधिक वर्षा (178 से 305 सेमी.) जून से सितम्बर माह तक होती है। यहां की प्रमुख नदी ब्रह्मपुत्र है। यह नदी अपने उद्गम स्थल से 2,900 किमी. की यात्रा कर समुद्र तक पहुंचती है। करीब 9,35,500 वर्ग किमी क्षेत्र का पानी बहकर इस नदी में आता है। इसकी 120 सहायक नदियां हैं। राज्य के उत्तर में भूटान तथा अरुणाचल प्रदेश, पश्चिम में पश्चिम बंगाल, पूर्व में नागालैंड व मणिपुर एवं दक्षिण में…

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बिहार की भौगोलिक स्थिति बिहार 21°77 उत्तरी अक्षांश से 27°31′ उत्तरी अक्षांश व 83°20′ से 88°17′ पूर्व देशान्तर के मध्य स्थित है। इसकी परिस्थितियां इसे तीन प्राकृतिक इकाइयों में विभक्त करती हैं। राज्य के पूर्व में पश्चिम बंगाल, पश्चिम में उत्तर प्रदेश, दक्षिण में झारखण्ड एवं उत्तर में अलग देश नेपाल है। तराई क्षेत्र यह भाग हिमालय पर्वत श्रृंखला की शिवालिक श्रेणी का हिस्सा है। यह पश्चिम चंपारण जिले के उत्तरी भाग में 32 किमी. लंबे और 6.8 किमी. चौड़े क्षेत्र में स्थित है। यह क्षेत्र उत्तर-पश्चिम से दक्षिण-पूर्व तक भारत-नेपाल सीमा के समानांतर है। यह पर्वत क्षेत्र सुमेश्वर एवं…

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छत्तीसगढ़ की भौगोलिक स्थिति मध्य प्रदेश के दक्षिण-पूर्व में 17°48′ उत्तरी अक्षांश से 24° उत्तरी अक्षांश तथा 84° 14′ पूर्वी देशांतर से 84° 25′ पूर्वी देशांतर तक विस्तृत है। भौगोलिक दृष्टि से यह क्षेत्र पूर्णतः पठारी है। यहां की भूमि ऊंची-नीची एवं बीच-बीच में बड़े मैदान है। राज्य में तेज गर्मी व साधारण ठंड रहती है। यहां छोटे छोटे पर्वत है, जिसमें बस्तर के पर्वत, रायपुर में सिहावा पर्वत, अमरकंटक पर्वत श्रेणी आती है यहां अत्यधिक वर्षा होती है, लेकिन आर्द्रता रहती है। सर्वाधिक वर्षा वाला क्षेत्र अबूझमाड़ है, यहां औसतन 187.5 सेमी. वर्षा होती है। यह बस्तर के पहाड़ी…

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गोवा की भौगोलिक स्थिति गोवा की जलवायु गर्म और आर्द्र है। तापमान में ज्यादा उतार-चढ़ाव नहीं होता है। गोवा भारतीय प्रायद्वीप के पश्चिमी तट पर स्थित है। गोवा की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि प्राचीन समय में गोवा को गोपकपट्टम, गोमांचल, गोमांतक, गोवापुरी व नागपुरी कहा जाता था। गोवा प्रथम शताब्दी ईसा पूर्व में सातवाहन साम्राज्य का हिस्सा था। इसके बाद कदम्ब, नलखेड़ा के राष्ट्रकूटों, चालुक्य एवं शिलाहार राजाओं का शासन रहा। 14वीं शताब्दी के आखिर में यादवों का शासन समाप्त होने के बाद दिल्ली के खिलजी वंश ने इस पर अपना प्रभुत्व जमाया। इस प्रकार गोवा मुस्लिम शासकों के अधीन हो गया। वास्कोडिगामा…

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केरल की भौगोलिक स्थिति यह राज्य 8°14′ उत्तर से 12°48′ उत्तरी अक्षांश एवं 74°52′ से 78°22′ पूर्वी देशान्तरों के बीच स्थित है। पूर्व में ऊंचे पश्चिमी घाट और पश्चिम में अरब सागर के मध्य इस प्रदेश की चौड़ाई 35 से 120 किमी. तक है। राज्य की कुछ पर्वत चोटियां 6,000 फीट से ऊंची हैं। यहां अनाई मुडी [3,000 मी.] एवं अगस्त्य कुट्टम [2,044 मी.] प्रमुख पर्वत शिखर है। देवी कोलम व मूत्रार दरे हैं। राज्य में समुद्र तट की लंबाई 585 किमी. है। प्रदेश की सीमा उत्तर में कर्नाटक, पूर्व में तमिलनाडु तथा शेष दिशाएं हिन्द महासागर से घिरी हैं।…

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तमिलनाडु की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि तमिलनाडु का लिखित इतिहास पल्लवों के काल से ही मिलता है। चौथी शताब्दी के पूर्वार्द्ध में पल्लवों ने इस क्षेत्र पर राज किया। इसके बाद चोल, चालुक्य, पाण्ड्य जैसे । अनेक राजवंशों ने शासन किया। 200 वर्षों तक दक्षिण भारत पर चोल साम्राज्य का आधिपत्य रहा। प्रदेश में 19वीं शताब्दी तक पुर्तगाल, हॉलैण्ड, फ्रांस एवं इंग्लैण्ड के लोगों ने अपने व्यापारिक केन्द्र स्थापित किए। 1901 में मद्रास प्रेसीडेंसी बना, जिसमें दक्षिण प्रायद्वीप के अधिकतर भागों को सम्मिलित किया गया। राज्य पुनर्गठन अधिनियम 1956 के अनुसार मद्रास राज्य से मालाबार, दक्षिणी कनारा और कोलेगल तालुका केरल और…

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त्रिपुरा की भौगोलिक स्थिति त्रिपुरा बांग्लादेश एवं बर्मा की नदी घाटियों के बीच स्थित है। इसके तीनों तरफ बांग्लादेश एवं उत्तर-पूर्व में यह असम और मिजोरम से जुड़ा हुआ है। त्रिपुरा एक पर्वतीय प्रदेश है। यहां बारामुरा, अथरामपुरा, देवतामूरा, लोंगथराई, जम्पाई एवं साखन पर्वत हैं। वेटिलिंग सिब [960 मी.] प्रमुख शिखर है। डुंबर जलप्रपात है। रूद्रसागर एवं डुंबरलेक झीलें हैं। जूरी, धलाई, मान, गोमती [गुम्टी], खोवाई, मधरी, लोंगाई एवं हावड़ा प्रमुख नदियां हैं। राज्य की करीब 56 प्रतिशत भूमि वनों से घिरी हुई है। त्रिपुरा की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि त्रिपुरा का पुराना इतिहास है। प्रदेश की अपनी अनोखी संस्कृति है। राज्य…

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उत्तराखंड की भौगोलिक स्थिति हिमालय की तलहटी में बसा उत्तराखण्ड राज्य मध्य हिमालय में 29°5 से 31° 25′ उत्तरी अक्षांश एवं 77° 45′ से 81° पूर्वी देशान्तर के बीच स्थित है। राज्य की अंतरराष्ट्रीय सीमा चीन अधिकृत तिब्बत एवं नेपाल से लगी हुई है। इसकी सीमा पूर्व में काली नदी के पश्चिमी तट से शुरू होकर पश्चिम में टोंस नदी के पूर्वी तट तक, उत्तर में तिब्बत की दक्षिणी ढलान से लेकर शिवालिका पर्वत श्रृंखला की तराई तक फैली हुई है। राज्य को तीन उप प्रदेशों में बांट सकते हैं- उत्तराखंड की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि उत्तराखण्ड का उल्लेख प्राचीन हिन्दू धर्मग्रंथों…

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भारत कृषि प्रधान देश है। कृषि हमारे देश की अर्थव्यवस्था की आधारशिला है। हमारी 65 प्रतिशत श्रम शक्ति कृषि से ही आजीविका कमाती है। देश की कुल राष्ट्रीय आय का 27 प्रतिशत कृषि से ही प्राप्त होता है। 13 करोड़ से भी अधिक पशुओं को चारा कृषि से ही प्राप्त होता है। कृषि अनेक उद्योग धंधों को कच्चा माल प्रदान करती है। औद्योगिक फसलों में कपास, पटसन, गन्ना, रबड़, तंबाकू एवं तिलहन महत्वपूर्ण स्थान रखते है। भारत में अनाजों का उत्पादन चावल विश्व का 29 प्रतिशत चावल क्षेत्र भारत में ही है। भारत की कुल राष्ट्रीय कृषि भूमि के 23…

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