Author: Nishpaksh Mat Team

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तमिलनाडु की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि तमिलनाडु का लिखित इतिहास पल्लवों के काल से ही मिलता है। चौथी शताब्दी के पूर्वार्द्ध में पल्लवों ने इस क्षेत्र पर राज किया। इसके बाद चोल, चालुक्य, पाण्ड्य जैसे । अनेक राजवंशों ने शासन किया। 200 वर्षों तक दक्षिण भारत पर चोल साम्राज्य का आधिपत्य रहा। प्रदेश में 19वीं शताब्दी तक पुर्तगाल, हॉलैण्ड, फ्रांस एवं इंग्लैण्ड के लोगों ने अपने व्यापारिक केन्द्र स्थापित किए। 1901 में मद्रास प्रेसीडेंसी बना, जिसमें दक्षिण प्रायद्वीप के अधिकतर भागों को सम्मिलित किया गया। राज्य पुनर्गठन अधिनियम 1956 के अनुसार मद्रास राज्य से मालाबार, दक्षिणी कनारा और कोलेगल तालुका केरल और…

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त्रिपुरा की भौगोलिक स्थिति त्रिपुरा बांग्लादेश एवं बर्मा की नदी घाटियों के बीच स्थित है। इसके तीनों तरफ बांग्लादेश एवं उत्तर-पूर्व में यह असम और मिजोरम से जुड़ा हुआ है। त्रिपुरा एक पर्वतीय प्रदेश है। यहां बारामुरा, अथरामपुरा, देवतामूरा, लोंगथराई, जम्पाई एवं साखन पर्वत हैं। वेटिलिंग सिब [960 मी.] प्रमुख शिखर है। डुंबर जलप्रपात है। रूद्रसागर एवं डुंबरलेक झीलें हैं। जूरी, धलाई, मान, गोमती [गुम्टी], खोवाई, मधरी, लोंगाई एवं हावड़ा प्रमुख नदियां हैं। राज्य की करीब 56 प्रतिशत भूमि वनों से घिरी हुई है। त्रिपुरा की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि त्रिपुरा का पुराना इतिहास है। प्रदेश की अपनी अनोखी संस्कृति है। राज्य…

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उत्तराखंड की भौगोलिक स्थिति हिमालय की तलहटी में बसा उत्तराखण्ड राज्य मध्य हिमालय में 29°5 से 31° 25′ उत्तरी अक्षांश एवं 77° 45′ से 81° पूर्वी देशान्तर के बीच स्थित है। राज्य की अंतरराष्ट्रीय सीमा चीन अधिकृत तिब्बत एवं नेपाल से लगी हुई है। इसकी सीमा पूर्व में काली नदी के पश्चिमी तट से शुरू होकर पश्चिम में टोंस नदी के पूर्वी तट तक, उत्तर में तिब्बत की दक्षिणी ढलान से लेकर शिवालिका पर्वत श्रृंखला की तराई तक फैली हुई है। राज्य को तीन उप प्रदेशों में बांट सकते हैं- उत्तराखंड की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि उत्तराखण्ड का उल्लेख प्राचीन हिन्दू धर्मग्रंथों…

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भारत कृषि प्रधान देश है। कृषि हमारे देश की अर्थव्यवस्था की आधारशिला है। हमारी 65 प्रतिशत श्रम शक्ति कृषि से ही आजीविका कमाती है। देश की कुल राष्ट्रीय आय का 27 प्रतिशत कृषि से ही प्राप्त होता है। 13 करोड़ से भी अधिक पशुओं को चारा कृषि से ही प्राप्त होता है। कृषि अनेक उद्योग धंधों को कच्चा माल प्रदान करती है। औद्योगिक फसलों में कपास, पटसन, गन्ना, रबड़, तंबाकू एवं तिलहन महत्वपूर्ण स्थान रखते है। भारत में अनाजों का उत्पादन चावल विश्व का 29 प्रतिशत चावल क्षेत्र भारत में ही है। भारत की कुल राष्ट्रीय कृषि भूमि के 23…

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प्रकृति ने भारत को अपने अकूत संसाधनों से सजाया है यहां भिन्न-भिन्न प्रकार के पेड़ पौधों और खनिजों से पाए जाते हैं भौगोलिकता आधार पर भारत के वनों के प्रकार विस्तारः मैदान की नदियों के किनारे खादर प्रदेशों में। भारत की 6.8 करोड़ हेक्टेयर भूमि पर वन पाए जाते हैं‌‌ जिसका 51 प्रतिशत भाग आरक्षित, 29 प्रतिशत भाग संरक्षित तथा 12 प्रतिशत अवर्गीकृत है। लगभग 7 प्रतिशत भाग को अन्य वनों की श्रेणी में रखा गया है। भारत के लगभग 22 प्रतिशत भाग पर वन पाए जाते है। भारत के ऊर्जा संसाधन भारत में कोयला, खनिज तेल और प्राकृतिक गैस के…

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Yes Bank Share: प्राइवेट सेक्टर के यस बैंक को मणिपुर और पंजाब के जीएसटी विभागों से दो मांग नोटिस मिले हैं, जिनमें 6.87 लाख रुपये से अधिक का जुर्माना लगाया गया है। बैंक ने शेयर बाजार को दी गई सूचना में बताया कि उसे 30 अप्रैल, 2024 को ये नोटिस मिले। इनमें ब्याज सहित इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) वापस करने और क्रमशः 5,05,940 रुपये और 1,81,623 रुपये का जुर्माना भरने का निर्देश दिया गया है। यस बैंक ने कहा है कि कर और ब्याज की मांग वर्तमान में उस पर लागू भौतिक सीमा से कम है। बैंक का मानना ​​है…

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भारत की जलवायु उपोष्ण (सब ट्रोपिकल) है जिसकी प्रादेशिक पहचान मानसूनी जलवायु के रूप में होती है। भारतीय मौसम के रचनातंत्र के कार्यों को मौटे तौर पर निम्नलिखित 3 रूपों में देखा जा सकता है- कटिबंधीय चक्रवातों के आने से वर्षा का होना । शीतकाल में भारतीय मौसम सामान्यतः मध्य एवं पश्चिमी एशिया के दाब के वितरण से प्रभावित होता है। हिमालय के उत्तर में स्थित उच्च दाब केन्द्र से प्रायद्वीप की ओर शुष्क वायु चलने लगी है। मध्य एशिया साइबेरिया के अधिक दबाब के केन्द्र से बाहर की तरफ चलने वाली धरातलीय पवने भारत में शुष्क महाद्वीपीय व्यापारिक पवनों के रूप में…

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क्या आप जानते हैं कि अंतरिक्ष यात्री अंतरिक्ष के खालीपन में कैसे चलते हैं? धरती पर चलने से यह कैसे अलग है? इस रोचक लेख में जानें अंतरिक्ष यान में ‘चलने’ का रहस्य!

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भारत का भूगोल (Geography of India in Hindi): भारत दक्षिण एवं दक्षिण-पूर्व एशिया के मुख्य परिमण्डलों से आबद्ध ग्लोब के बड़े भाग पर स्थित है विस्तार की दृष्टि से विश्व में सातवें स्थान पर है। इसका क्षेत्रफल 3287263 वर्ग किमी. है जो संसार के कुल क्षेत्रफल का 2.42 प्रतिशत है। यह पूर्णतः उत्तरी गोलार्द्ध में स्थित है, जिसकी मुख्य भूमि 8°4′ उत्तरी अक्षांश से 37°6′ उत्तरी अक्षांशों के मध्य तथा 687 पूर्व देशान्तर से 97° 25′ पूर्वी देशान्तर के मध्य विस्तृत है। इसकी मुख्य भूमि का दक्षिणतम बिन्दु उष्णार्ट कन्याकुमारी (केप केमोरिन) है जबकि इसका दक्षिणावर्ती भाग 6° 45′ उत्तरी…

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